नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को जजों के फोन टैपिंग के आरोपों को सरासर गलत बताया।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कुलदीप सिंह धतवालिया ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि मंत्रालय जजों के फोन टैपिंग के आरोपों का खंडन करता हैं। इन खबरों में कोई सचाई नहीं हैं और ये निराधार और बेबुनियाद हैं।
मंत्रालय का खंडन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आरोपों के बाद आया है जिसमें उन्होंने आशंका जताई कि जजों के फोन बड़े पैमाने पर टैप हो रहे हैं। साथ ही कहा कि अगर यह सच है तो ये न्यायपालिका की आज़ादी पर सबसे बड़ा हमला है।
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि मोदी सरकार के लिए न्यायपालिका की आज़ादी बहुत मौलिक और महत्वपूर्ण है।
केजरीवाल ने यह आरोप दिल्ली हाईकोर्ट की 50वीं वर्षगाठ के अवसर पर लगाए जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के प्रधान न्यायधीश टी. एस. ठाकुर भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि किसी का फोन टैप करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय इजाजत देता है और उसके बाद कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति से मंजूरी लेनी पड़ती है।