अजमेर। अजमेर में तीन दिवसीय महाराणा प्रताप जयंती समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को व्याख्यान से हुआ। स्वाधीनता और स्वाभिमान के प्रेरक वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप विषय पर बोलते हुए मुख्य वक्ता विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द सिंह ने कहा कि युद्ध में लडने वाले सैनिक राजस्थान के वीर सपूत थे।
मेवाड में भामाशाह के रूप में अपना समस्त दान कर एक मिसाल पेश की जो यथार्थ का पुरुषार्थ है जो युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। महाराणा प्रताप के काल खंड में समरसता का साक्षात उदाहरण देखने को मिलता है। महाराणा प्रताप के साथ समस्त आदिवासी भी युद्ध में जान की बाजी लगा रहे थे, उस युद्ध में जिनका रक्त बहा वह सभी भारत माता के सच्चे देशभक्त सपूत थे।
जनता की सेवा करने के कारण उन्हें प्रधान सेवक के रूप में महाराणा प्रताप कहा जाता है। यही वजह है कि आज महाराणा प्रताप की देशभर में स्मारक बने हैं व मूर्तियां लगी हैं।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि राजस्थान वीरों की धरती कहलाती है। युवा पीढी को आन बान और शान का संदेश देने वाली हमारी संस्कृति व सभ्यता का प्रदर्शन करने वाला इतिहास महाराणा प्रताप सरीखे वीर को समर्पित है।
महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक संध्या आज
जिला प्रमुख वन्दना नोगिया ने युवाओं को महाराणा प्रताप के बलिदान से प्रेरणा लेने का आव्हान किया। अध्यक्षता कर रहे अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेडा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि महाराणा प्रताप के स्मारक को जनता को समर्पित करने का अवसर मिला। महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेकर अजमेर में विकास के कामों में सभी का सहयोग लेकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्राधिकरण समयबद्ध विकास में सहभागी बनेगा।
संगोष्ठी संयोजक नवलकिशोर उपाध्याय ने महाराणा प्रताप के जीवन की विस्तृत जानकारी दी। संचालन हरीश बेरी ने किया। इससे पहले महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण व भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्जवलन किया गया। आभार आनंद सिंह राजावत ने जताया।
लेजर शोर के जरिए दिखाए प्रेरणादायी प्रसंग
व्याख्यान माला के बाद महाराणा प्रताप स्मारक स्थल पर लेजर शो का आयोजन किया गया।
इस दौरान महाराणा प्रताप केे जीवन से संबंधित प्रेरणादायी प्रसंग दिखाए गए। लेजर शो को आगंतुक लोगों ने सराहा।
ये गणमान्य रहे मौजूद
समारोह में पूर्व सांसद रासासिंह रावत, पूर्णाशंकर दशोरा, डॉ. अरविन्द शर्मा गिरधर, रासबिहारी गौड़, कंवल प्रकाश, सोमरत्न आर्य, नरेन्द्र सिंह शेखावत, विजय दिवाकर, रमेश मेघवाल, रामकिशन प्रजापति,, सीपी गुप्ता, देवेन्द्र सिंह शेखावत, रमेश चन्द शर्मा, भगवती बारहठ, संदीप भार्गव, संजीव नागर, उपायुक्त कृष्ण अवतार त्रिवेदी, अधिशाषी अभियंता अनूप ठण्डन, सहायक अभियंता ओम प्रकाश सोलंकी, राजेन्द्र कूढी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।