मुंबई। राज्य में महाराष्ट्र दिवस धूमधाम से मनाते हुए 105 शहीदों को याद किया गया। हुतात्मा चौक पर सरकार का पूरा अमला शहीदों को नमन करने पहुंचा। इसी बीच विदर्भ में महाराष्ट्र दिवस का विरोध करते हुए काला दिवस मनाया गया तो मनसे प्रमुख राज ठाकरे की बकबक पर महाराष्ट्र वासियों ने ध्यान नहीं दिया।
गौरतलब है कि आज से 56 वर्ष पहले 105 शहीदों ने बलिदान देते हुए महाराष्ट्र को अलग राज्य का दर्जा दिलवाने में कामयाब हुए थे। उसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 1 मई को महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है।
हुतात्मा चौक पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय, मुंबई मनपा आयुक्त अजोय मेहता, मुंबई पुलिस आयुक्त दत्ता पडसलगीकर सहित अनेक अधिकारियों ने उपस्थित होकर शहीदों को नमन किया।
नागपुर में स्वतंत्र विदर्भ के समर्थकों ने राज्य के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अणे के नेतृत्व में काला दिवस मनाते हुए अलग विदर्भ की मांग करते हुए घोषणाबाजी की, साथ ही अलग झंडे को भी फहराया। यवतमाल में स्वतंत्र विदर्भ की मांग को लेकर आंदोलन हिंसक हो गया। आंदोलनकारियों ने पांच बसों में तोडफोड करके विरोध किया।
बुलढाणा में अलग विदर्भ की मांग को लेकर आंदोलन किया गया। शिवसेना ने श्रीहरि अणे का पुतला जलाया और अलग विदर्भ मांग के आंदोलन की निंदा की। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र दिवस की पूर्व संध्या पर शिवसेना अध्यक्ष उदधव ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र के टुकडे शिवसेना नहीं होने देगी।
नागपुर में मनसे ने अखंड महाराष्ट्र की घोषणा करते हुए ढोलताशा बजाया। मुंबई में हुतात्मा चौक पर सरकार के मुखिया अधिकारियों के साथ पहुंचकर जहां शहीदों को याद किया, वहीं मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र दिवस को लेकर भाजपा-शिवसेना पर टिप्पणी करते हुए कहाकि हुतात्मा चौक पर कार्यक्रम करने में शर्म आती है।
बताया जाता है कि भाजपा-शिवसेना ने मनसे प्रमुख ठाकरे की टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया है। इसलिए ठाकरे की टिप्पणी को केवल बकबक करार दिया जा रहा है।