यवतमाल। महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के गांव में कर्ज में डूबे एक किसान ने बुधवार को आग में कूदकर जान दे दी। विदर्भ जन आंदोलन समिति के प्रमुख किशोर तिवारी ने गुरू वार को बताया कि पिछले साल नवंबर के बाद से यह आत्महत्या की ऎसी दूसरी घटना है। 45 वर्षीय आनंदराव एस. पनडगले की मौत के बाद परिवार में उनकी पत्नी और तीन किशोर बेटियां हैं।
प्रारंभिक पुलिस जांच में पता चला है कि मृतक पर 50,000 रूपये का कृषि ऋण था और वह अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए 12,000 रूपये जुटाने की कोशिश कर रहा था।
तिवारी ने बताया कि वह घर पर अकेला था। उसने स्वयं पर केरोसीन का तेल डाला और अपनी चिता तैयार करने के बाद उसमें आग लगाई और उस पर कूद गया। जब तक स्थानीय निवासी उसकी मदद के लिए आए। उसकी जल कर मौत हो गई थी। इस क्षेत्र में यह इस तरह की दूसरी घटना है।
पिछले साल 28 नवंबर को मनारखेड़ गांव के 75 वर्षीय किसान काशीराम बी. इंदेर ने खेत में खुद को जला कर आत्मदाह कर लिया था। तिवारी के मुताबिक, बुधवार से विदर्भ में पांच आत्महत्याएं हो चुकी हैं। किसानों की दशा पर सरकारी अधिकारियों के उदासीन रवैये से किसानों का धैर्य खत्म हो चुका था।
इन पीडितों में अमरावती जिले में तलनी गांव के रामकृष्णन भलावी और गुंजी गांव के अंबादास वाहिले शामिल थे। वाशिम जिले में शेखेड़ा गांव के संजू गवांडे और वर्धा जिले में घोराड़ गांव के विजय ताड़स और कन्हेरी गांव के नानाजी इन्गोले इन पीडितों में शामिल हैं।
दिसंबर में वकील आर.यू उपाध्याय द्वारा जनहित याचिका दाखिल किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के मुद्दे पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
इसी तरह से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इन घटनाओं पर जवाबदेही के लिए राज्य सरकार को भी नोटिस भेजा था। हालांकि महाराष्ट्र में आत्महत्याओं की घटनाएं बेरोक- टोक जारी हैं।
पिछले सप्ताह शिवसेना ने किसानों की दशा को नजरअंदाज करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पुरजोर आलोचना की थी। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फ ड़णवीस विदर्भ क्षेत्र के निवासी हैं।