मुंबई। नववर्ष की पूर्व संध्या पर 31 दिसंबर को शराब की दुकानें सुबह पांच बजे तक खुली रहेंगी। खास बात यह है कि आबकारी विभाग के मंत्री एकनाथराव खड़से स्वीकारते हैं कि सरकार को शराब बिक्री से एक ही दिन में 27 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।
बार एंड रेस्टारेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्श शेट्टी ने कहा कि उनकी मांग पर सरकार ने राजस्व कमाने के उद्देश्य से नववर्ष की पूर्व संध्या पर शराब की दुकानों को सुबह पांच बजे तक खोलने का निर्णय लिया है।
नववर्ष की पूर्व संध्या पर मुंबईकर जमकर शराब पीकर नववर्ष का आनंद उठाते हैं। दोपहर से ही शराब की दुकानों पर भीड़ जमा होनी शुरू हो जाती है और शाम के वक्त तो लाइन लगाकर शराब खरीदते लोगों को देखा जा सकता है। शराब की बिक्री से राज्य को सालाना 11 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है।
हालांकि सरकार पर शराब बंदी का दवाब बनाया जा रहा है, लेकिन लगता नहीं कि राजस्व के इसे बड़े स्रोत को सरकार इतनी आसानी से छोडऩे वाली नहीं है। राज्य के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक राजस्व के अन्य साधनों को तलाश नहीं लिया जाता, तब तक शराब बंदी पर विचार नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र के तीन जिलों वर्धा, गढ़चिरोली और चंद्रपुर में पहले से ही शराब बंदी लागू है। इन जिलों में न तो शराब बेची जा सकती है और न कहीं और से लाकर पी जा सकती है। चंद्रपुर में शराब बंदी लागू करने में महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने काफी प्रयास किया। लगातार 10 साल के संघर्ष के बाद वे चंद्रपुर में शराबबंदी लागू करने में सफल रहे।