मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने दो दिन पहले उच्च न्यायालय को बताया था कि वर्ष 2015 के दौरान राज्य के कुल 1,000 किसानों ने आत्महत्या की है, जबकि सरकार के ही राहत एवं पुनर्वास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 के दौरान राज्य के कुल 3,228 किसानों ने खुदकुशी की।
महाराष्ट्र राज्य सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से मंगलवार को कहा था कि 2015 के दौरान राज्य के कुल 1,000 किसानों ने आत्महत्या की हालांकि राहत एवं पुनर्वास विभाग ने 2015 के दौरान कुल आत्महत्या करने वाले किसानों की संया 3,228 बताई है, जिसमें से 1,841 किसान मुआवजा पाने के हकदार हैं।
राज्य के कृषि मंत्री एकनाथ खडसे ने दावा किया है कि सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में दिये गये और विााग द्वारा उपलब्ध कराए गए दोनों आंकड़े ‘सही’ हैं।
सरकार ने न्यायालय में उन किसानों की आत्महत्या संबंधी आंकड़े पेश किए हैं, जिन्होंने केवल कृषि संबंधी कारणों से अपना जीवन समाप्त किया है और वह सरकारी मुआवजा पाने के योग्य हैं।
बहरहाल, महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भाजपा समर्थित सरकार पर हमला करने का मौका हासिल हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को अगले विधानसभा सत्र में उठाने की बात कही है।