मुंबई। पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब दानवे-पाटिल का समर्थन पाने व बाद में दबाव की राजनीति अपनाने वाले महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे अब पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके हैं। भाजपा में उनके इस्तीफे की मांग जहां जोर पकड़ती जा रही है, वहीं खडसे ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद के फोन कॉल और जमीन घोटाले में घिरे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देवेन्द्र फडऩवीस को मिलने के लिए नई दिल्ली बुलाया है। शाम 6 बजे पीएम आवास में ये मुलाकात होनी है, जिसमें खडसे के इस्तीफे पर चर्चा की उम्मीद है।
वहीं भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि खडसे के मामले में संबंधित लोग विचार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि खडसे पर लगे पुणे जमीन घोटाले के आरोपों को लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र सीएम और महाराष्ट्र भाजपा से रिपोर्ट मांगी है।
पार्टी महासचिव और महाराष्ट्र प्रभारी सरोज पांडे ने तीन दिन पहले एकनाथ खडसे से मुलाकात की थी। खडसे पर लगे आरोपों पर उनका पक्ष सुना गया और इसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को इस पूरी बातचीत का ब्यौरा फोन पर सुनाया गया।
भाजपा सांसद और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह से खडसे मामले पर जब सवाल पूछ गया तो उन्होंने कहा, खडसे भ्रष्टाचार के आरोपों पर लोगों से इस्तीफा मांगते थे। अब उन्हें इस मामले में खुद फैसला लेना चाहिए।
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री खडसे के खिलाफ आम आदमी पार्टी की नेता अंजलि दमानिया ने मोर्चा खोल दिया है। इस्तीफे की मांग को लेकर वे मुंबई में अनशन पर बैठी हैं। खडसे पर आरोपों से भाजपा में इसलिए खलबली मची है क्योंकि खडसे के विवाद से मोदी के न खाऊंगा, न खाने दूंगा वाले नारे पर सवाल उठ रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की नेता दमानिया का कहना है कि एमआईडीसी की जमीन को खडसे ने औने-पौने दामों में खरीदा है, जबकि उस जमीन को खरीदा नहीं जा सकता है। विवादों में घिरे राजस्व मंत्री खडसे से संघ विचारक राकेश सिन्हा ने इस्तीफा देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी पर दोहरा मापदंड नहीं हो सकता है।
आरएसएस नेता राकेश सिन्हा ने ट्वीट किया था कि नैतिकता के आधार पर एकनाथ खडसे को इस्तीफा दे देना चाहिए। इस ट्वीट पर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। हालांकि संघ के ही मनमोहन वैद्य ने कहा कि इस मामले में संघ की तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं है।