अहमदाबाद। महात्मा गांधी के पौत्र 87 वर्षीय कनु रामदास गांधी का सोमवार शाम को निधन हो गया। उनके सहयोगी ने निधन की सूचना दी। उनका सूरत के एक चैरिटेबल अस्पताल में उपचार चल रहा था। कनु के परिवार में पत्नी शिवालक्ष्मी है।
22 अक्टूबर को हृदयाघात, मस्तिष्काघात व आधे शरीर के पक्षाघात के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था। वह कोमा में चले गए थे।
अमरीका के नासा में करीब 25 साल तक वैज्ञानिक रहे कनुभाई कुछ साल पहले ही पत्नी शिवालक्ष्मी के साथ भारत लौटे थे। काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
गांधीजी के पौत्र की अंतिम इच्छा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आखरी सांस लेने की थी जो पूरी नहीं हो पाई।
मालूम हो कि बापू के 1930 में ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह में दांडी से निकाली गई यात्रा की तस्वीर में बचपन की फोटो के लिए कनु दुनियाभर में लोकप्रिय थे। इस तस्वीर में कनु ही बापू की लाठी पकड़कर उन्हें आगे ले जाते दिखते हैं।
कनु के गहरे मित्र धीमंत बधिया ने बताया कि 22 अक्तूबर को कनु को दिल का दौरा पड़ा था और मस्तिष्काघात हुआ था। इसकी वजह से उनके शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था। वह कोमा में चले गए थे।
कनु को सूरत के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोमवार को सुबह अचानक स्वास्थ्य बिगड़ा और शाम को उनका निधन हो गया।