नई दिल्ली। बॉलीवुड फिल्म ‘पीपली लाइव’ के सह-निर्देशक महमूद फारूकी मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत अदालत ने शनिवार को 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
अमरीका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी की शोध छात्रा ने फारूकी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही है और अपने शोध के संबंध में ही भारत आई थी। उसकी रिसर्च गोरखपुर की गुरु गोरखनाथ यूनिवर्सिटी से जुड़ी थी।
फारूखी भी गोरखपुर के रहने वाले हैं और इसी के कारण वह फारूख़ी के संपर्क में आई। वह शोध कार्य में मदद के लिए 28 मार्च 2015 को दिल्ली में सुखदेव विहार स्थित आरोपी के घर गई, जहां फारूख़ी ने उसका यौन उत्पीड़न किया। पीडिता की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने फारूख़ी को गिरफ्तार किया था।
पीडिता ने पुलिस को दिए अपने एक बयान में कहा था कि जब यह घटना घटी, तब फारूख़ी नशे में थे। उसने कहा कि दुष्कर्म का विरोध उसने इसलिए नहीं किया क्योंकि उसे डर था कि उसकी भी 16 दिसंबर गैंगरेप केस की पीडि़ता की तरह हत्या कर दी जाए।
राजेंद्र कुमार की जमानत पर सीबीआई कोर्ट में फैसला सोमवार को
सीबीआई कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार की जमानत को लेकर सोमवार शाम 4 बजे फैसला सुनाएगी।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को राजेंद्र कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई 23 जुलाई तक टाल दी थी। अदालत ने उन्हें 27 जुलाई तक भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में भेजा था। सीबीआई ने राजेंद्र कुमार सहित पांच लोगों को कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में कुमार के अलावा केजरीवाल के कार्यालय में उप सचिव तरुण शर्मा, कुमार के करीबी सहयोगी अशोक कुमार और एक निजी कंपनी के मालिकों संदीप कुमार और दिनेश कुमार गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया था। कुमार 1989 बैच के यूटी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।