सिरोही। शाम करीब पांच तक कांग्रेस और भाजपा तथा उनके संभावित सभापति पद के दावेदार अपनी पार्टी तथा उनके समर्थित निर्दलीयों की बाडेबंदी के लिए उन्हें एकत्रित करने लगे। इसे लेकर वार्ड संख्या-9 के भाटकडा स्कूल के बूथ के सामने तो जबरदस्त हंगामा भी हो गया।
यहां पर सौ से ज्यादा लोग इस बात के लिए अड गए कि कांग्रेस प्रत्याशी नैनाराम माली को वह बाडेबंदी के लिए स्कूल से नहीं ले जाने देंगे। यहां पर संयम लोढा तथा कांग्रेस के सभापति के संभावित उम्मीदवार मनु मेवाडा उन्हें लेने के पहुंचे थे। करीब पौने छह बजे यह लोग यहां पहुंचे तो कांतिलाल माली के साथ माली समाज के कई युवक-युवती व महिला-पुरुष स्कूल के बाहर एकत्रित हो गए। यह लोग इस बात पर अडे थे, कि वह नैनाराम माली को नहीं ले जाने देंगे। बाद में यह आया कि वह पहले नैनाराम माली को अपने घर ले जाएंगे, करीब एक घंटे तक यहां पर मजमा लगा रहा। यह भीड बढती गई। फिर कुछ देर बाद वार्ड की महिलाएं भी नैनाराम माली के जिंदाबाद के नारे लगाते हुए पहुंच गई।
माहौल काफी कौतूहल भरा हो गया था। इस दौरान नैनाराम माली संयम लोढा व मनु मेवाडा के साथ स्कूल परिसर के अंदर ही थे और छह बजे पोलिंग खतम होने के बाद वहां खडे पुलिसकर्मियों ने स्कूल का मुख्यद्वार बंद कर दिया था। सूचना मिलते ही काफी संख्या में पुलिस बल भी वहां आ गया। करीब एक घंटे बाद इस नाटक का पटाक्षेप हुआ और यह तय हुआ कि नैनाराम माली स्कूल से पहले घर जाएंगे और वहां से वह कांग्रेस नेताओं के साथ जाएंगे। इस दौरान शिवगंज के प्रधान अचलाराम माली तथा मातरमाता सेवा संस्थान से जुडे सदस्य यहां पर मध्यस्थता के लिए लगे रहे। बाद में तय कार्यक्रम के अनुसार माली अपने घर गए और वहां से यह लोग अज्ञात स्थान के लिए निकल गए। वैसे भाटकडा में हुए हंगामे के दौरान ही वहां खडे लोग इसे सभापति पद के दूसरे उम्मीदवार की हरकत बता रहे थे, जो कि अपनी जाति के बूते पर सभापति पद पर कब्जा जमाना चाहते है।
उधर, राज्य मंत्री ओटाराम देवासी स्थानीय प्रभारी नारायणसिंह देवल के साथ में शाम करीब पांच बजे वार्ड संख्या एक के उत्तरी मेघवालवास स्कूल के पास वार्ड संख्या एक के भाजपा प्रत्याशी शंकरसिंह परिहार को बाडेबंदी करते हुए अपनी लक्जरी गाडी मे ले जाते देखे गए। इधर सूचना यह भी मिली है कि बाडेबंदी के दौरान पैलेस रोड के उत्तरी इलाके में भी एक पार्टी के प्रत्याशी के साथ खींचातानी हुई, वहीं एक निर्दलीय प्रत्याशी को पहले तो गाडी में बैठा कर ले गए, बाद में पता चला कि वह नहीं जीतने वाला है तो उसे शहर के बाहर ही छोड दिया गया। जानकारी के अनुसार उसे वहां से लौटने के लिए गाडी तक नहीं भेजी गई।