बीजिंग। चीन में एक ऐसे व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी जो दूसरों की भलाई के लिए अपने स्पर्म दान करता था। उसने 10 दिन में चार बार स्पर्म बैंक को स्पर्म डोनेशन कर दिया। बस यही उसकी मौत का कारण बना। बस यहीं उसकी जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुआ।…
चीन में वुहान युनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले शख्स झेंग जब हॉस्टल में अपने रूम से करीब दो घंटे तक बाहर नहीं निकले तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कमरे का दरवाजा तुड़वाया। भीतर झेंग बेहोशी की हालत में पड़ा था। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डाक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बाद में खुलासा हुआ कि मैराथन मास्टरबेटर झेंग एक स्पर्म बैंक के नियमित डोनर थे। इतना ही बल्कि वे अपने मित्रों व परिचितों को भी स्पर्म डोनेशन के लिए प्ररित किया करते थे। झेंग की मौत के बाद उनके परिवार ने उनकी मौत का जिम्मेदार स्पर्म बैंक को ठहराते हुए इस बाबत केस दर्ज कराया है।
झेंग के परिवार का कहना है कि उनके बेटे से स्पर्म बैंक ने जबरदस्ती कॉंट्रेक्ट कराया और उससे नियमित तौर पर स्पर्म लिया। झेंग के परिवार ने स्पर्म बैंक से ६४८ ५४५ डालर का हर्जाना मांगा है। यह मामला कोर्ट में भी गया लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए झेंग के परिवार के दावे को खारिज कर दिया कि झेंग परिपक्व थे। वे खुद अपना निण्रय ले सकते थे। मैराथन मास्टरबेटर बनने का फैसला उन्होंने खुद लिया था।