जींद। कोर्ट का फैसला सुनते ही एक दोषी को दिल का दौरा पड़ गया, जिससे उसकी सोमवार देर शाम ही मौत हो गई। अदालत ने मंगलवार को दोषियों को सजा सुनाने का समय निर्धारित किया था, लेकिन मृत व्यक्ति के वकील द्वारा इस घटना की सूचना अदालत को दी गई।
अदालत ने आगामी 4 सितम्बर को मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करवाने के आदेश सुनाते हुए सजा को सुरक्षित रख लिया है। क्षेत्र की यह पहली घटना है, जिसमें अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने से आहत व्यक्ति का निधन हो गया।
सोमवार को दिल्ली में रह रहे कम्पनी के एक निदेशक रामकरण की दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई। इसके बारे में रामकरण के बेटे अशोक ने बताया कि उनके पिता की काफी दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। सोमवार को अचानक उनकी मौत हो गई है।
चावल के लेने देन की रकम चुकाने के लिए रामकरण, श्रीकृष्ण एवं श्रीनिवास ने पुरानी अनाज मंडी के लगभग 26 लोगोंं को चैक दिए थे, जो बाद में बाउंस हो गए। 25 शिकायतकर्ता की अपील पर अदालत ने उक्त फैसला सुनाया है। एक शिकायतकर्ता की अपील पर अभी फैसला नहीं आया है।