मेरठ। बेसमेंट की खुदाई से निर्माणाधीन इमारत में दबे लोगों को निकालने में सेना ने एक बार फिर अपनी महती भूमिका निभाई। गुरुवार सुबह तीन बजे तक सेना और एनडीआरएफ ने एक व्यक्ति को जिंदा निकाल लिया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शहर में चल रहे अवैध निर्माणों पर मेरठ मंडल के कमिश्नर ने ब्यौरा तलब किया है। बेसमेंट खुदवा रहे लोगों और एमडीए इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
गढ़ रोड स्थित मित्रलोक काॅलोनी के पास एक धर्मकांटे के बराबर में मुकेश के तीन मंजिले मकान का निर्माण चल रहा है। उसके बराबर में डाॅ. पंकज षर्मा अपना निजी अस्पताल बनाने के लिए बेसमेंट खुदवा रहे थे।
बुधवार शाम को बेसमेंट की खुदाई करते समय अचानक मिट्टी हटने से निर्माणाधीन इमारत भरभराकर गिर गई। इस इमारत के मलबे में जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर ट्राॅली और मजदूर दबने से हड़कंप मच गया। आननफानन में लोगों ने पुलिस को सूचना देकर राहत कार्य शुरू कर दिया।
पुलिस के समय पर नहीं पहुंचने से गुस्साए लोगों ने हंगामा किया। किसी तरह से पुलिस ने राहत कार्य शुरू कराया। जेसीबी से मलबे की खुदाई शुरू की, लेकिन दबे लोगों का कुछ पता नहीं चलने पर बुधवार देर रात को सेना बुलाई गई।
डेरा सच्चा सौदा बरनावा की टीम के स्वयंसेवकों ने एनडीआरएफ टीम के साथ राहत कार्य शुरू किया। इसके बाद सेना पहुंचने पर राहत कार्यों में तेजी आ गई। इस घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया।
कमिश्नर आलोक सिन्हा ने इसे अवैध निर्माण मानते हुए डीएम और एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है। इससे शहर में चल रहे अवैध निर्माणों पर एमडीए की कार्रवाई के बारे में भी पूछा गया।
एक मजदूर जिंदा निकल पाया
गुरुवार की सुबह तीन बजे तक सेना और दूसरे लोगों के राहत कार्य की वजह से मलबे में दबे मजदूर मुनेश को जिंदा बाहर निकाल लिया गया। उसे गंभीर हालत में मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डाॅक्टर उसके इलाज में जुट गए। मुनेश को निकालने के बाद राहत कार्य बंद कर दिया गया। व्यवस्था बनाने के लिए एडीएम सिटी एसके दुबे, एसपी सिटी ओमप्रकाश, सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार आदि व्यवस्था संभाले रहे।
लोगों पर रिपोर्ट दर्ज
पुलिस ने इस मामले में बेसमेंट खुदाई कराने वाले डाॅ. पंकज शर्मा, उनकी मां सरोज शर्मा, एमडीए के इंजीनियर अजित, रईस के खिलाफ भावनपुर थाने में एफआईआर दर्ज की है। इस पर कमिश्नर आलोक सिन्हा ने भी सख्त रूख अपनाया है।