अलवर। तिजारा ऐडीजी अदालत नम्बर 2 ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विकलांग महिला के साथ दुष्कर्म मामले में एक आरोपी को दस वर्ष का कठोर कारावास की सजा दी है।
तिजारा के उपर एवं जिला सत्र न्यायधीश शंकर लाल भारू ने एक विकलांग महिला सोम बाई के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी मुबीन उर्फ बिच्छी निवासी बेरला को दस वर्ष का कठोर कारावास एवं दस हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है।
उपर लोक अभियोजन विजय यादव ने बताया की 22 जून 2011 को पीडि़ता सोम बाई पुत्री हाकम सिंह निवासी बेरला ने तिजारा थाने में मामला दर्ज करवाया था।
20 अप्रेल 2011 को करीब 12 बजे रात्रि को अपने भतीजे के साथ घर पर सो रही थी। मेरे माता पिता खेत में फसल निकाल रहे थे अचानक मुबीन उर्फ बिच्छी, ने जबरन पकडक़र मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था और मेरे साथ दुष्कर्म किया था। पीडि़त पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय यादव ने पैरवी की।
कातिलाना हमले के मुल्जिम को सात वर्ष की कठोर सजा
अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश किशनगढ़बास की अदालत ने कातिलाने हमले के आरोपी को सात वर्ष का कठोर कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक धर्मपाल यादव ने बताया कि 23 जून 2013 को ग्राम गंडवा निवासी फारूक पुत्र मोहर खां ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिवाड़ी में पुलिस के समक्ष पर्चा बयान दिया कि ग्राम गंडवा के श्मशान के पास सडक़ पर सुबह 7:30 बजे ग्राम गंडवा निवासी लल्लू पुत्र सुलेमान अवैध वसूली कर रहा था।
मुझसे से लल्लू पुत्र सुलेमान द्वारा वसूली मांगे जाने पर मेरे द्वारा मना किए जाने के बाद लल्लू ने गाली गलौच करते हुए 315 बोर की देशी राईफल से मुझ पर गोली चला दी जो मेरेपेट में लगकर पीछे की ओर पार निकल गई। मुझे घायल अवस्था में कुछ लोगों द्वारा भिवाड़ी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इस मामले की रिपोर्ट थाना चौपानकी में दर्ज कराई गई।
पुलिस ने धारा 307, 323, 325, 324, 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान किया तथा उसका चालान अदालत में पेश किया। जिस पर अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश हरविन्द्रसिंह ने फैसला सुनाते हुए मुल्जिम लल्लू पुत्र सुलेमान को सात वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।