बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की एक अदालत ने दस साल की मूक-बधिर लड़की से दुष्कर्म करने का आरोप साबित हो जाने पर दोषी को उम्रकैद और दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता ने यह जानकारी शनिवार को दी।
सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवभूषण वर्मा ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कैप्टन डी.पी.एन. सिंह की अदालत ने एक दस साल की मूक बधिर लड़की से दुष्कर्म करने का आरोप साबित होने पर दोषी शिवबरन रैदास को आजीवन कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा शुक्रवार की शाम सुनाई। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में सात गवाह पेश किए गए थे।
उन्होंने बताया कि 13 जनवरी, 2014 को दस साल की मूक-बधिर लड़की अपने घर के दरवाजे पर खेल रही थी, उसी गांव का युवक शिवबरन रैदास उसे फुसला कर सुनसान जगह ले गया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना कारित की थी। खून से लथपथ लड़की ने इशारों में आपबीती अपनी मां को बताया और साथ जाकर अपराधी की शिनाख्त की थी।