नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने बहन के लापता होने के बाद अपने एक पड़ोसी को उसके साथ संबंध होने के संदेह में मार डालने के जुर्म में एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने यहां के निवासी सुरिदंर को भादसं की धाराएं 302 हत्या और 323 जानबुझकर चोट पहुंचाना के तहत अपराधों के लिए दोषी पाया और कहा कि अभियुक्त का यह बर्ताव उसके गुस्सैल एवं क्रूर स्वभाव को दर्शाता है।
अदालत ने कहा कि सारी हत्याएं नृशंस एवं क्रूर होती हैं। वर्तमान मामले में कोई संदेह नहीं है कि अभियुक्त ने संबंधित व्यक्ति की नृशंस एवं अमानवीय तरीके से मार डाला, फलस्वरूप एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गई।
अदालत ने कहा कि परिस्थितियों की पूर्णता एवं मामले की कानून के मद्देनजर मेरा यह सुविचारित मत है कि यह मामला दुर्लभ से दुर्लभतम मामले के अंतर्गत नहीं आता है जिसके तहत मृत्युदंड का प्रावधान है। अभियोजन के अनुसार सोनू की मां ने दक्षिण पश्चिम दिल्ली के डाबड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
उसने आरोप लगाया गया था कि चार अप्रेल 2012 को सुरिंदर उसके घर में घुस आया और उसने उसके बेटे पर ईंट से वार किया। वह उस वक्त सो रहा था। सोनू की मां ने कहा था कि सुरिंदर की बहन कुछ दिनों से गायब थी। उसने मान लिया कि सोनू ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी और वह उसे मार डालने के इरादे से आया। जब सोनू को उसकी मां ने बचाने की कोशिश की तब उसने उस पर भी वार किया।