उदयपुर। चरित्र संदेह को लेकर पत्नी की कुल्हाड़ी से हत्या कर मृत्यु को दुर्घटना में तब्दील कर पुलिस को झूठी रिपोर्ट वाले हत्यारे पति को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार अमरिया फलासिया निवासी दाडमचंद पुत्र वेसाराम बरंडा ने 6 जुलाई 2012 को फलासिया थाने में रिपोर्ट दी कि 5 जुलाई 2012 की शाम को वह घर के बाहर लघु शंका करने के लिए निकला।
लघुशंका करते हुए उसने देखा कि उसकी पत्नी हंसी देवी शोच कर घर की तरफ आ रही थी उसी दौरान तेज गति से आई मोटरसाइकिल ने पत्नी को कुचल दिया और वह गम्भीर रूप से घायल हो गई। उसे जीप से एम.बी. चिकित्सालय उपचार के लिए ले जाते समय रास्त में दम तोड़ दिया। पुलिस ने पति की रिपोर्ट पर भादसं की धारा 279 व 304-ए में मामला दर्ज किया।
पुलिस ने जब लाश का पंचनामा तैयार किया तो देखा कि हंसी देवी के पीछे गर्दन पर धारदार हथियार का वार का निशान था। इस पर पोस्टमार्टम कराया तो पोस्टमार्टम में धारदार हथियार से हत्या करना बताया। इस पर पुलिस ने पति दाड़मचंद बरंडा के खिलाफ पत्नी की हत्या कर सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज किया।
पूछताछ में आरोपी दाडमचंद ने बताया कि रात्रि करीब साढ़े आठ बजे पत्नी की कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर दी थी, बाद में लाश को लाकर सडक़ पर डालकर उसकी मौत दुर्घटना में होना बताने के हालात बनाए। मृतका के भाई वजेराम ने बताया कि दाडमचंद बहन से आए दिन लड़ाई झगड़ा करता था और वह उसके चरित्र पर शंका करता था।
मौताणे की मांग को लेकर झूठा मुकदमा भी दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी दाडमचंद बरंडा को गिरफ्तार किया। वारदात में उपयोग में ली कुल्हाड़ी बरामद की और आरोपी के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक गजेंद्र सिंह सौलंकी ने दस गवाह 25 दस्तावेज पेश किए।
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रम-5 की पीठासीन अधिकारी ब्रजमाधुरी शर्मा ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दस्तावेजी साक्ष्य पंचनामा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट से प्रमाणित हुआ कि आरोपी दाडमचंद ने अपनी पत्नी हंसी देवी की संदेह के चलते हत्या की थी।
आरोपी दाडमचंद को दोषी करार देते हुए भादसं की धारा 302 में आजीवन कारावास व पांच हजार रूपए जुर्माना, धारा 201 व 193 में तीन-तीन वर्ष का कारावास व तीन-तीन हजार रुपए जुर्माना और धारा 177 में दो वर्ष का कारावास व दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।