चित्तौडग़ढ़। जिले में स्थित विशेष न्यायालय ने शनिवार को दिए निर्णय में एक तेरह वर्षीया नाबालिग का यौन शोषण करने के आरोपी को पॉक्सो अधिनियम के तहत दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया है।
लोक अभियोजक सूर्यपालसिंह सोलंकी ने बताया कि मार्च 2013 में पीड़िता के पिता ने बस्सी थाने पर उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि 13 साल की नाबालिग लडक़ी कुएं पर जाने के लिए घर से निकली, जो फिर नहीं आई। इस पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई।
बाद में एक जेसीबी चालक कैलाशनाथ निवासी पालका द्वारा उसे बहला फुसलाकर ले जाने की जानकारी मिली जिस पर पुलिस ने नामजद कर उसके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर भीलवाड़ा के पुर रोड़ स्थित एक दूध डेयरी से पकड़ा।
वहीं पर बंधक बनाई हुई पीड़ीता को मुक्त करवा मेडिकल करवाया जिसमें उसके साथ लगातार दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पीडि़ता के बयान भी करवाए गये जिसमें उसने कहा कि आरोपी गांव में लगातार उसके साथ विद्यालय आते जाते छेड़छाड़ करता रहता था जिससे तंग आकर उसने विद्यालय जाना भी छोड़ दिया था।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर आरोपी के विरूद्ध 18 गवाह और 28 दस्तावेज प्रस्तुत किए।
न्यायाधिकारी रामेश्वरलाल व्यास ने आरोपी कैलाशनाथ को धारा 366 के तहत दोषी मानते हुए पांच वर्ष का कठोर कारावास एवं 2 हजार रूपए का अर्थदण्ड और पॉक्सो के तहत दस साल का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड अदा नहीं करने की स्थिति में 6 माह का अतिरिक्त कारावास दिए जाने की सजा सुनाई।