जगदलपुर। सात वर्षीया मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी संतराम लहरे निवासी मोगरापाल को अदालत ने ऐन महिला दिवस के दिन दिए गए फैसले में दस साल की सजा से दंडित किया है। वहीं पीडि़ता को एक लाख की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है।
अभियोजन के अनुसार 27 मई 2015 को पीडि़ता अपने परिजनों के साथ अपनी बड़ी बहन के यहां ग्राम मोंगरापाल गई थी। इस दौरान आरोपी उसे चाकलेट देने के बहाने अपने घर ले गया। इस दौरान उसके हाथ-पावं बांधकर उससे दुष्कर्म किया।
पीडि़ता की चीख-पुकार सुनकर पड़ोस में रहने वाली युवती वहां पहुंची। उसके पहुंचते ही आरोपी वहां से फरार हो गया। युवती ने पीडि़ता को बंधनमुक्त कर उसके परिजनों तक पहुंचाया। घटना की शिकायत चौकी बस्तर में दर्ज करवाई गई।
पुलिस ने आरोपी के विरूद्घ आईपीसी की धारा 376 लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध कायम किया था। वहीं आरोपी को गिरफ्तार कर चालान कोर्ट में पेश किया गया था।
प्रकरण की सुनवाई करते अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी निरंजन लाल चौहान ने अभियोजन व आरोपी पक्ष की जिरह सुनने के उपरांत मौजूद साक्ष्यों तथा साक्षियों के बयान के आधार आरोपी को दोषी ठहराया अदालत ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376 के तहत दस साल का कारावास एवं एक हजार जुर्माना तथा पोक्सो एक्ट के तहत सात साल की सजा व दो हजार रूपए जुर्माने से दंडित करने का निर्णय दिया।
अदालत ने अपनी टिप्पणी में इस प्रकार के अपराध को घृणित बताते एक अल्पवर्षीय बच्ची के साथ किए गए दुष्कृत्य को पशुवत माना कोर्ट ने पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीडि़ता को एक लाख की मुआवजा राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
इधर पीडि़ता के परिजनों ने कोर्ट के निर्णय पर संतोष जाहिर करते इंसाफ की जीत बताया है। शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक शकील अहमद ने की प्रकरण में महिला चिकित्सक, फोरेंसिक एक्सपर्ट समेत चार लोगों ने बयान दर्ज करवाए।