बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में 12 साल की एक बच्ची की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने के मामले में गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश मोहन पी. तिवारी ने एक आरोपी विनय सिंह को फांसी की सजा सुनाई।
दो अन्य आरोपियों के नाबालिग होने पर उनका मामला बाल न्यायालय में विचाराधीन है। लोक अभियोजक राजेश साबले ने बताया कि 16 जून 2016 को आमला थाने के रायसेड़ा गांव में तीन लोगों ने घर में अकेले मौजूद नाबालिग लड़की को अपनी हवस का शिकार बनाया।
उसके बेहोश होने पर उसकी गला घोंटकर हत्या की और फांसी के फंदे पर लटका दिया, तभी मृतिका के छोटे भाई-बहन आ गए। उन्हें आरोपियों ने धमकाया भी।
क्राइम न्यूज के लिए यहां क्लीक करें
साबले के मुताबिक मुलताई के अपर सत्र न्यायाधीश तिवारी की अदालत ने आरोपी को दोषी पहले ही मान लिया था और सजा का ऐलान गुरुवार को किया। दुष्कर्म और हत्या के आरोप में विनय सिंह को फांसी की सजा सुनाई है। अन्य दो आरोपी नाबालिग हैं और उनका प्रकरण बाल न्यायालय में चल रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि हादसे के समय किशोरी घर पर अकेली थी। माता-पिता उसके मामा के घर गए थे और दो छोटे भाई व बहन स्कूल गए थे। जब वे स्कूल से लौटे तो विनय व दो अन्य उन्हें मौके पर मिले, तीनों ने बच्चों को धमकाया और चले गए। इस मामले में पुलिस की जांच के साथ ही मासूमों की गवाही अहम रही। मासूमों ने आरोपी को फांसी की सजा दिला दी।