सीतापुर। सीतापुर जिले में एक पिता ने तीन मासूम बेटियों को चलती ट्रेन से फेंक दिया। एक बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो मासूम जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है।
सीओ सिटी योगेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह लगभग चार बजे अमृतसर से बिहार के सहरसा जा रही ट्रेन अमृतसर-सहरसा जनसेवा एक्सप्रेस से तीन मासूम बच्चियों को उसके पिता द्वारा फेंके जाने का मामला प्रकाश में आया। जिले के रामकोट थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव निवासी दिनेश मिश्रा टहलने के लिए निकले तो एक बच्ची को रेल पटरी के किनारे बेहोशी की हालत में पड़ा देखा।
बेहोश बच्ची को पानी के छींटे मारकर होश में लाया गया। होश में आने पर आठ साल की अल्बुन खातून ने कुछ दूर पहले छोटी बहन को भी फेंके जाने की बात कही। इसके बाद दिनेश पुलिस को सूचना देते हुए दूसरी बच्ची की खोज में जुट गया।
लगभग एक किलोमीटर दूर दूसरी बच्ची बेहोशी की हालत में पड़ी मिली। सूचना पर पहुंची एम्बुलेंस ने घायल दोनों बच्चियों को जिला अस्पताल लाया गया जहां दोनों का उपचार चल रहा है।
अस्पताल में होश आने पर आठ वर्षीय अल्बुन खातून ने बताया कि बिहार के मोतिहारी जिले के गांव छोड़िया निवासी अपने पिता इद्दू व मां अबलीना खातून के साथ ट्रेन से जा रही थी। सुबह के समय उसकी मां अबलीना खातून गहरी नींद में सो गई।
इसी दौरान उसके पिता उसकी छह वर्षीय बहन सलीना खातून को गेट के पास लेकर पहुंचे और चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। इसके बाद उसे भी गेट के पास ले गए और फेंक दिया। बच्ची के बयान के बाद पुलिस ने तीसरी बच्चे की खोज में जुट गई और दोपहर बाद पुलिस ने मानपुर थाना क्षेत्र के रमईपुर हाल्ट की झाड़ियों में बच्ची का शव को पड़ा पाया।
मामले की जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक मृगेन्द्र सिंह मय फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। अल्बुन के अनुसार मुन्नी खातून उसकी मंझली बहन थी। सीओ सिटी योगेंद्र सिंह ने बताया कि मोतिहारी के एसपी से संपर्क साधा गया है।
उन्होंने ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया तथा इस संबंध में मोतिहारी के एसपी से संपर्क किया जा रहा है, आरोपी पिता की गिरफ्तारी कर सख्त कार्रवाई की जायेगी।