मंडी। नाबालिग बच्ची से दुराचार करने के आरोपी को अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास और 26 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके अलावा पीडिता के पक्ष में 45 हजार रुपए हर्जाना राशि भी अदा करने के आदेश दिए हैं।
जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह के न्यायलय ने करसोग तहसील के पनविशा (चौडी धार) निवासी जय सिंह पुत्र परसु राम के खिलाफ प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन फरोम सेक्सुअल औफेंस एक्ट (पोकसो) की धारा 5 सहित भादंस की धारा 376 व 506 के तहत दुराचार और जान से मारने की धमकी का अभियोग साबित होने पर क्रमश: दस और एक साल के कठोर कारावास और 25000 रूपये व एक हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
आरोपी के जुर्माना राशि समय पर अदा न करने पर क्रमश: दो और एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा पीडिता के पक्ष में आरोपी की जुर्माना राशि में से 20 हजार तथा विधिक प्राधिकरण की ओर से 25000 रूपए की राशि बतौर हर्जाना अदा की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी नाबालिग पीडिता के चाचा का धर्म भाई था और अक्सर उनके घर आता रहता था। एक अप्रैल 2013 को पीडिता और उसकी सहेली घर के आंगन में खेल रही थी। इसी बीच आरोपी वहां आया और उन्हे गुच्छियां इकठी करने के लिए जंगल को ले गया।
जहां पर आरोपी ने बच्चियों को मोबाइल पर अश्लील क्लीपिंग दिखाई। जिसके बाद आरोपी ने पीडिता के साथ दुराचार किया। जबकि पीडिता की सहेली किसी तरह वहां से भागने में सफल रही। आरोपी ने बच्चियों को धमकी दी थी कि इस बारे में किसी को बताएंगी तो वह उन्हे जान से मार देगा।
लेकिन 11 अप्रैल को दोनो बच्चियों का आपस में झगडा हो गया और पीडिता की सहेली ने घरवालों को दुराचार के बारे में बताने की धमकी दी तो पीडिता रोने लग गई। जिसके बाद परिजनों को घटना के बारे में पता चला तो उन्होने पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते जिला न्यायवादी आर के कौशल ने 12 गवाहों के माध्यम से आरोपी पर अभियोग को साबित किया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।