जयपुर/मंदसौर। माता-पिता की मौत के बाद ननिहाल में रह रहे तीन मासूम भाइयों को नानी ने ही बाल मजदूरी के लए बेच दिया।
खरीदने वाले ने उन्हें जयपुर में चूड़ी बनाने की फैक्टरी में भेज दिया। जहां व्यापारी बच्चों से दिनभर काम कराता। खाने में दो रोटी देता और एक कमरे में बंद कर देता। एक माह तक प्रताड़ना झेलने के बाद मौका पाकर बच्चे फैक्टरी से भाग निकले तब यह हकीकत सामने आई।
तीनों बच्चों को गुरूवार रात शामगढ़ में पुलिस ने जयपुर-मुंबई ट्रेन में सफर करते पकड़ा। ये दरभंगा जिला बिहार के रतनपुरा निवासी मोहम्मद दिलशाद (13), मोहम्मद अरमान(12), व प्यारे (10), हैं। तीनों सगे भाई हैं।
बच्चों ने बताया कि सालभर पहले बीमारी के पहले मां, फिर एक माह बाद पिता की भी मौत हो गई। बच्चों को सतपुरा निवासी नानी ने ही एक माह पूर्व जयपुर निवासी किसी व्यापारी को बेच दिया था।
बच्चों ने बताया व्यापारी उन्हे चूडी फैक्टरी के पास स्थित कमरे में बंद कर रखता था। वहां दो बच्चे और भी थे लेकिन व्यापारी उनसे कभी बात करने नहीं देता था। हर रविवार को 50 रूपए देता था।
उन्होंने बताया कि भागने से एक दिन पूर्व ही की व्यापारी ने उनकी पिटाई की थी। बाल सरंक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चों को नीमच बाल आश्रय गृह भेजा जाएगा। उनके बताए पते के अनुसार नानी से संपर्क कर व्यापारी का पता लगाया जाएगा। उस पर भी आपराधिक केस दर्ज कराया जाएगा।