इंफाल। मणिपुर के चंदेल जिले में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में मणिपुर पुलिस और इंडियन रिजर्व पुलिस बटालियन के कुल पांच जवान शहीद हो गए। हमले में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
मणिपुर पुलिस के आलाधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री ओक्रम इबोबी सिंह चंदेल जिले में एक नए जिले तेंगलोउपाल का औपचारिक उद्घाटन करने के लिए जाने वाले थे। नगा उग्रवादी संगठन इसका विरोध करते आ रहे थे।
इस कड़ी में मुख्यमंत्री जिस रास्ते से तेंगलोउपाल जाने वाले थे, उस पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचने से पहले ही रास्ते में तैनात सुरक्षा बलों पर घात लगाकर स्वचालित हथियारों से दो स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
पहला आक्रमण मोरे शहर से 21 किमी दूर लोकसाउत इलाके में किया। सुबह 6.30 बजे हुए इस आक्रमण में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। जबकि अस्पताल में तीन जवानों की मौत हो गई।
शहीद जवानों की पहचान मणिपुर पुलिस के हेड कांस्टेबल जामथलून वाइते, आईआरबीएन के हेड कांस्टेबल यारेई मारिंग, थूमरि शरत कुमार और जयप्रकाश रियाश के रूप में की गई है।
आतंकियों ने दूसरा हमला मोरे के वायांग में किया। इस हमले में आईआरबीएन का एक जवान शहीद हो गया। जवान की शिनाख्त वाई जीवन सिंह के रूप में की गई है। यहां पांच जवान घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों का इंफाल के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
ज्ञात हो कि बीते 24 अक्टूबर को भी आतंकियों ने मुख्यमंत्री को लक्ष्य कर हेलीकाप्टर पर हमला किया था। जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। उस दिन मुख्यमंत्री उखरूल जिला मुख्यालय में एक नवनिर्मित अस्पताल के भवन का उद्घाटन करने गए थे।
इस हमले में मणिपुर रायफल के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनावों से पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने राज्य में कुल 7 नए जिले बनाए हैं। जिसमें चार नए जिले नगा बहुल वाले क्षेत्रों में हैं।
नगा आतंकी संगठन व नगा जनजाति इसका जोरदार विरोध कर रही है। उनको लगने लगा है कि राज्य सरकार उनके अधिकारों को इसके जरिए सीमित करेगी। इस हमले के बावजूद मुख्यमंत्री ने नए जिले को उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि नया जिला बनाने के पीछे किसी तरह की कोई राजनीतिक कारण नहीं है।
इससे सभी जनजातियों को लाभ मिलेगा। इस हमले में किसका हाथ है इसकी औपचारिक रूप से किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के साथ संघर्ष विराम किए हुए प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (आईएम) का हाथ है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। वहीं सुरक्षा बालों ने पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान तेज कर दिया है।