इंफाल। मणिपुर की सत्ता पर 15 वर्षों तक काबिज रहने वाली कांग्रेस चुनावों के बाद 28 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन सत्ता उसके हाथ से जाती हुई दिख रही है।
कांग्रेस सत्ता के जादुई आंकड़े को जुटाने में जहां विफल रही, वहीं उसके अपने विधायक भी पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने की तैयारी कर ली है। ऐसे में कांग्रेस की राज्य में लगातार चौथी बार सरकार बनने के अरमानों पर पानी फिर गया है। हालांकि कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है।
वहीं चुनावों के बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। राज्यपाल ने स्वयं उन्हें पद से इस्तीफा देने को कहा है। सूत्रों ने दावा किया है कि इबोबी सिंह मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देंगे।
अभी तक पद न छोड़ने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि सत्ता में रहते वे विपक्षी विधायकों को अपने पाले में कर पाने में सफल रहेंगे साथ ही अपने विधायकों को भी सत्ता के बल पर साथ रखने में सफल रहेंगे, लेकिन भाजपा की राजनीति के आगे वे बेदम नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। वहीं भाजपा के पाले में 21, एनपीएफ के 4, एनपीपी के 4, टीएमसी के 1 और एक निर्दलीय विधायक ने जीत हासिल की है।
ऐसे में टीएमसी के विधायक ने अपनी पार्टी को छोड़कर बीते रविवार को ही भाजपा में औपचारिक रूप से शामिल हो गए। जबकि एनपीएफ और एनपीपी ने भाजपा सरकार का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में निर्दलीय विधायक के भी भाजपा को ही समर्थन देने की बात कही गई है।
कुल मिलाकर सत्ता के जादुई आंकड़े 31 को भाजपा सहयोगियों के बल पर पूरा करती दिखाई दे रही है। अब देखना होगा कि राज्यपाल डा. नजमा हेपतुल्ला किसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करती हैं। वैसे भाजपा को अवसर मिलने के चांस अधिक दिखाई दे रहे हैं।
वहीं बीती रात कांग्रेस के एक विधायक ने भी भाजपा का खुलेतौर पर समर्थन करने का ऐलान कर दिया। सूत्रों ने दावा किया है कि कांग्रेस के 15 से अधिक विधायक भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस के सामने अपने विधायकों को बचाए रखने की सबसे बड़ी चुनौती आन पड़ी है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह ने सोमवार को कहा कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया का रास्ता बनाने के लिए वह मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।