जयपुर। आसमान में उड़ती पतंगों की भरमार और नगर के घरों की छतों पर मचने वाली पतंगबाजों की धूम ने राजधानी जयपुर में मकर सक्रांति पर्व को लेकर वातावरण मस्तीभरा बना दिया।
शहर के गली, मोहल्लों ओर मकानों की छतों पर मचने वाली पतंगबाजी की धूम का नजारा देखते ही बनता है। पतंगबाजी के इस दिन को यादगार बनाने के लिए क्या महिलाएं और क्या पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग भी कोई कोर कसर नहीं छोडी जा रही।
गुलाबी शहर मानों घरों की छतों पर सिमट गया है। पतंगबाजों द्वारा रंग-बिरंगी पतंगों से आकाश का श्रृंगार कर अपने अरमानों को मांझे की मदद से आसमान की ऊंचाई दे रहे रहे हैं। तेज संगीत के शोर के बीच वो मारा, वो काटा की गूंज चहूं और सुनाई पडती है। पतंगबाजों के बीच जमकर प्रतिस्पर्धा होती दिखाई दे रही है।
सक्रांत पर्व की पूर्व संध्या पर बुधवार को पतंग व्यापारियों ने पतंगबाजों को अपनी और आकर्षिक करने के लिए दुकान से लेकर मकान तक को विभिन्न प्रकार की वैरायटियों वाली रंगी-बिरंगी पतंगों से सजा लिया था। वहीं पतंग के शौकिन भी पतंगबाजी का अपना शौक पूरा करने के लिए खरीदारी में व्यस्त दिखाई दिए।
परंपरागत रूप से 14 जनवरी को भी मनाई जाने वाली मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को पड रही है लेकिन पतंगबाजी के जूनून के चलते 14 जनवरी को ही पतंगबाजों का सब्र टूट गया और वे छतों पर आ गए। पूरा आसमान सतरंगी नजर आ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से इस बार चाइनीज मांझे पर पूरी तरह रोक लगाई हुई है इसके अलावा पक्षियों के घायल होने की घटनाओं को रोकने के लिए सुबह और शाम को पतंगबाजी पर लगे प्रतिबंध लगाया हुआ है।
आसमानी अखाड़े में पतंगों की जंग
आसमानी अखाड़े में पतंगों की जोरदार जंग के लिए एक रात पहले ही तैयारियां हो चुकी थी और पतंगबाजी के शौकिनों ने पतंग और मांझे की भरपूर खरीदी कर ली। पतंग व्यवसायियों के मुताबिक इस बार बाजार में 2 से लेकर 100 रु. तक की पतंग मौजूद हैं।
यह कहना है पतंग कारोबारियों का
शहरनगर के पतंग विक्रेता राजेश जैन ने बताया कि पिछले साल की तरह इस बार पतंग बाजार पर भी महंगाई का असर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। जिसके चलते जहां पतंगों की कीमत 1 रूपए से 100 रूपए तक प्रति पतंग है वहीं अच्छी डोर व बरेली मांझे की प्रति रील कीमत 50 रूपए से 700 रूपए तक बनी हुई है। इस पर बाजार में माल की पूर्ति कम होने से भी व्यापारियों को परेशानी उठाना पड़ रही है।
पतंग लूटने का अलग ही मजा
पतंगबाजी के शौकिन बच्चों में पतंग लूटने की भी होड़ मची हुई है। यही कारण है कि पतंगों की दुकान सजने और उडऩे के बाद से ही दर्जनों बच्चे पतंगों को लूटने के लिए मैदान में उतर आए हैं। एक हाथ में लूटी हुई पतंग और दूसरे हाथ में कांटों से लगा बांस लेकर यह बच्चे सुबह से ही नगर की सडक़ों पर पतंग लूटने में लगे हैं।