नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जीवनशैली से जुड़ी मधुमेह जैसी बीमारियों से बच्चों के ग्रस्त होने को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए परिवारों से नियमित शारीरिक व्यायाम और योग के जरिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधिन ‘मन की बात’ में कहा कि पहले जो बीमारियां बड़ी उम्र में होती थीं, वह आजकल बच्चों में देखने को मिल रही हैं। मुझे यह जानकर अचंभा हुआ कि आजकल बच्चों को भी मधुमेह की बीमारी हो रही है। इतनी कम उम्र में इस तरह की बीमारियां होने का मुख्य कारण कम शारीरिक गतिविधि और हमारे खान-पान की आदतों में बदलाव है।
कार्यक्रम में पार्थ शाह नाम के शख्स ने फोन कर 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस घोषित करने की सलाह दी।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पेशे से चिकित्सक इस श्रोता ने मोदी से पूछा कि बच्चों में मधुमेह की बीमारी से निपटने के लिए क्या किया जाना चाहिए।
मोदी ने जवाब में परिवारों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे अधिक से अधिक शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों, उनकी घर के अंदर की गतिविधियां सीमित रहें और वे बाहरी गतिविधियों में व्यस्त हों।
मोदी ने कहा कि परिवारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे खुले मैदान में खेलें। यदि संभव हो तो बड़ों को भी बच्चों के साथ जाकर खुले मैदान में खेलना चाहिए। एलेवेटर के बजाए बच्चों को सीढ़ियों का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाना चाहिए। रात्रि भोजन के बाद परिवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बच्चों के साथ सैर करें।
मोदी ने कहा कि ‘योगा फॉर यंग इंडिया’ कार्यक्रम स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने और जीवनशैली से संबंधित बीमारियों से निपटने में युवाओं के लिए मददगार है।
मोदी ने कहा कि योग सरल और सुविधानजनक है। किसी भी उम्र के लोग बड़ी आसानी से कहीं भी योग कर सकते हैं।