नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को बदलते मौसम में बीमारियों से बचने, एंटीबॉयटिक का ज्यादा इस्तेमाल न करने, डॉक्टर की ही सलाह पर दवाइयां लेने, फर्जी ई-मेल के झांसे में न आने, वृक्षारोपण करने जैसी कई सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी अस्पतालों में हर महीने गर्भवती महिलाओं के मुफ्त जांच की भी घोषणा की।
मन की बात कार्यक्रम के 22वें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत रियो ओलिंपिक के लिए खिलाड़ियों की हौसला अफजाई से की। खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं कि आने वाले दिनों में पूरे देश में खेल का रंग हर नौजवान को उत्साह-उमंग के रंग से रंग देगा। कुछ ही दिनों में विश्व का सबसे बड़ा खेलों का महाकुंभ होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी रातों-रात नहीं बनते। एक बहुत बड़ी तपस्या के बाद बनते हैं। यहाँ तक जो खिलाड़ी पहुँचता है, वो बड़ी कड़ी मेहनत के बाद पहुंचता है। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी देशवासी रियो ओलंपिक के लिए गए हुए हमारे सभी खिलाड़ियों को नरेंद्र मोदी एप पर शुभकामनाएं भेंजे, मैं आपकी शुभकामनाएं उन तक पहुंचाऊंगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बारिश का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ समय पहले हम लोग अकाल की चिंता कर रहे थे और इन दिनों वर्षा का आनंद भी आ रहा है, तो बाढ़ की ख़बरें भी आ रही। राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर बाढ़-पीड़ितों की सहायता के लिए कंधे से कंधा मिला कर के भरपूर प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने बारिश में बीमारियों से बचाव करने के लिए भी लोगों से अपील की और कहा कि डेंगू से से बचा जा सकता है। थोड़ा स्वच्छता पर ध्यान रहे, थोड़े सतर्क रहें और सुरक्षित रहने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि डेंगू गंदगी में नहीं अपितु साफ-सुथरे इलाकों में फैसता है इसलिए ऐसे मौसम में थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि बिमार होने पर कोई भी ऐंटीबायॉटिक डॉक्टक की सलाह पर ही लें और दवाओं का कोर्स पूरा करें। अगर कोर्स आधा-अधूरा छोड़ दिया, तो जीवाणु के फायदे में जाएगा। ऐंटीबायॉटिक की जो दवाइयां बिकती हैं, उसका जो पत्ता रहता है, उसके ऊपर लाल लकीर से आपको सचेत किया जाता है, आप उस पर जरूर ध्यान दीजिए।
महिलाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में हर वर्ष 3 करोड़ महिलाएं गर्भावस्था धारण करती हैं, प्रसूति के समय कभी मां मरती है, कभी बालक मरता है, कभी दोनों मरते हैं। एक दशक में माता की असमय मृत्यु की दर में कमी तो आई है, लेकिन फिर भी आज बहुत बड़ी मात्रा में गर्भवती माताओं का जीवन नहीं बचा पाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत हर महीने की 9 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं की सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में निशुल्क जांच की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने सभी स्त्रीरोग विशेषज्ञों से हर महीने के एक दिन गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच करने की अपील की।
उन्होंने फर्जी ई-मेल और संदेश के माध्य से पैसे लूटने वाले लोगों से बचने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि टेक्नोलोजी के फायदें हैं तो कई नुकसान भी इसलिए उन्होंने ऐसे फर्जी फोन, ई-मेल और संदेश के झांसे में न आने की सलाह लोगों को दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गत सप्ताह अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर देश और दुनिया ने श्रद्धांजलि दी। अब्दुल कलाम जी का नाम आता है तो विज्ञान, प्रौद्योगिकी मिसाइल- भावी भारत के सामर्थ्य का चित्र हमारी आंखों के सामने अंकित हो जाता है। अगर रिसर्च और इनोवेशन नहीं होंगे, तो जैसे ठहरा हुआ पानी गंदगी फैलाता है, प्रौद्योगिकी भी बोझ बन जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की सोनल का जिक्र करते हुए कहा कि उसकी शादी में बारातियों को केसर आम का पौधा भेंट किया गया। यह खबर जब मैंने देखी तो मेरे दिल को छू गई। हमें पौधों को उपहार में देना चाहिए। वृक्षों को संतान की तरह पालन करें। महाराष्ट्र में वन महोत्सव अभियान चलाया गया गया। राजस्थान, आंध्र प्रदेश में भी ऐसे अभियान चलाए गए। राजस्थान में 25 लाख पौधे लगाए गए।
रक्षाबंधन के अवसर पर अपने देश की माताओं-बहनों को क्या आप प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना या जीवन ज्योति बीमा योजना भेंट नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता दिवस के भाषण के लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपने विचार एवं सुझाव नरेंद्र मोदी एप या माई गवर्मेंट पोर्टल पर दे सकते हैं।