पणजी। सीटों के मामले में कांग्रेस से पीछे रहने के बावजूद बीजेपी गोवा में सरकार बनाने जा रही है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पर्रिकर मंगलवार सोमवार शाम गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
गवर्नर से मुलाकात करने के बाद पर्रिकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हालांकि हम बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन एक साथ आकर हमने 21 का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया। सूबे में 3-3 सीट जीतने वाली महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीय विधायकों (3) का महत्व काफी बढ़ गया है।
इस बीच फॉरवर्ड पार्टी ने साफ किया है कि उसने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला लिया है और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार चलाएंगे। इससे पहले, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने रविवार को बीजेपी को प्रदेश में सरकार बनाने का न्योता दिया था।
इससे पहले वह 2000 से 2005 और 2012 से नवंबर 2014 तक गोवा के सीएम रह चुके हैं। 2014 में मोदी सरकार ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर रक्षा मंत्रालय सौंपा था। बीजेपी को समर्थन दे रही पार्टियां महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और 3 निर्दलीयय विधायकों ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को अपना नेता चुना है।
रविवार शाम मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों सहित समर्थन दे रहे विधायकों ने गवर्नर से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। दूसरी तरफ, बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता देने पर कांग्रेसी नेता काफी नाराज है।
उनका आरोप है कि राज्य में जब कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है तो उससे पहले बीजेपी को कैसे राज्यपाल ने बुलाया। एआईसीसी के महासचिव बी.के. हरिप्रसाद ने कहा कि राज्यपाल का यह कदम अलोकतांत्रिक है। उनके फैसले राज्यपाल की कम एक पार्टी कार्यकर्ता जैसे लग रहे हैं।
वहीं, कर्नाटक सरकार में ऊर्जा मंत्री डी.के. शिवकुमार ने गोवा राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए पहले बुलाना और 15 दिन में बहुमत साबित करने का मौका देना पूरी तरह से खुले तौर पर हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देने जैसा है।