चेन्नई। कुडानकुलम परमाणु संयंत्र में रूस के सहयोग से तीसरी और चौथी इकाई लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। इनकी क्षमता एक हजार मेगावाट की होगी। रूसी कंपनी जेएससी एईएम टेक्नोलॉजी ने शुक्रवार को इसके लिए स्टीम जेनरेटर लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ करने की जानकारी दी।
कंपनी ने बताया कि फिलहाल स्टीम जेनरेटर के दो सेट को लगाने का काम शुरू किया गया है। एक यूनिट के लिए ऐसे चार जेनरेटर की जरूरत होती है। इंजन की आपूर्ति 2018 में की जाएगी। इससे पहले दोनों इकाइयों की भारत के परमाणु विशेषज्ञों की उपस्थिति में जांच की गई थी। एक जेनरेटर का वजन तकरीबन 340 टन है।
इसकी लंबाई 15 मीटर और व्यास चार मीटर से ज्यादा है। भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) तिरुनेलवेली स्थित कुडानकुलम परमाणु संयंत्र में एक हजार मेगावाट क्षमता की इकाइयां लगा रहा है। इसके लिए वर्ष 2014 में रूसी परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम के साथ करार किया गया था। इसका निर्माण कार्य पूरा होने से दक्षिण भारत में बिजली की किल्लत दूर हो सकेगी।