जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014 के अंतर्गत राज्य में चार बड़ी कम्पनियों द्वारा एक लाख 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर 26 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए एमओयू किया गया है।
आईएल एण्ड एफएस एनर्जी लिमिटेड 5 हजार मेगावाट, एस्सेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 5 हजार मेगावाट, अडानी एन्टर प्राइजेज 10 हजार मेगावाट तथा रिलायंस पावर लिमिटेड 6 हजार मेगावाट के सौलर पार्क स्थापित करेगी। इन सौलर पार्कों की ज्वाइंट वेंचर कम्पनियों में राज्य सरकार की जमीन की एवज में 50 फीसदी हिस्सेदारी होगी। राज्य के मुख्य सचिव इन कम्पनियों के चेयरमैन होंगे।
राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार ने मैसर्स सन एडिसन सौलर पावर इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ 5 हजार मेगावाट तथा मैसर्स एज्योर पावर इण्डिया प्रा. लि. के साथ एक हजार मेगवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के एमओयू किए थे।
राज्य में 36 हजार करोड़ का रुपये निवेश करने वाली इन कम्पनियों को राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 तथा राजस्थान भू-राजस्व (गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों पर आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना हेतु भूमि आवंटन) नियम-2007 के तहत उपलब्ध छूट, रियायतें एवं सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
जेलों में मोबाइल पाए जाने पर सजा में बढ़ोतरी- संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने प्रिजन्स एक्ट-1894 की धारा 42, 43, 59 में संशोधन तथा धारा 58-ए एवं 58-बी को जोड़ने के लिए प्रिजन्स (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2015 का अनुमोदन किया है। अध्यादेश के बाद अब बंदियों के पास मोबाइल एवं अन्य निषिद्ध वस्तुएं पाए जाने को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा।
अध्यादेश में जेलों में मोबाइल एवं अन्य प्रतिबन्धित वस्तुओं के प्रवेश, निकासी, आपूर्ति, कब्जे में रखने एवं आपूर्ति के प्रयास के अपराध की सजा 6 माह कारावास या 200 रुपये जुर्माना अथवा दोनों से बढ़ाकर तीन वर्ष कारावास या तीन हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों करने का निर्णय लिया गया है।
पैरोल की शर्तों के उल्लंघन पर सजा के प्रावधान- राठौड़ ने बताया कि पैरोल पर रिहा बंदियों के समर्पण नहीं कर फरार होने की प्रवृति पर अंकुश लगाने व कार्रवाई करने के लिए भी अध्यादेश में प्रावधान शामिल किए गए हैं।
अब जेल अधिनियम के अंतर्गत ही पैरोल नियम बनाने का प्रावधान किया गया है। पहले राजस्थान में सीआरपीसी के पैरोल नियमों के तहत ही कार्रवाई की जाती थी। पैरोल पर रिहा बंदियों के समय पर उपस्थित नहीं होने या शर्तों का उल्लंघन करने पर तीन साल की सजा या तीन हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है।
पूर्व में स्पष्ट प्रावधान के अभाव में इन मामलों में प्रभावी कार्रवाई सम्भव नहीं थी।
पुस्तकालय अध्यक्षों को विकल्प भरने के लिए दो माह और- संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने राजस्थान भाषा एवं पुस्तकालय सेवा के पुस्तकालय अध्यक्षों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में जाने का विकल्प भरने के लिए दो माह का अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया है।
पूर्व में 28 फरवरी, 2013 को राजस्थान भाषा एवं पुस्तकालय सेवा (राज्य एवं अधीनस्थ) नियम-2013 प्रभावी हुए थे। इस दिन से तीन माह की अवधि में पुस्तकालय अध्यक्षों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में जाने का विकल्प भरना था, लेकिन नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण कई पुस्तकालय अध्यक्ष विकल्प नहीं भर पाए थे। अब उन्हें इस निर्णय से लाभ मिल सकेगा।
पदोन्नति के लिए योग्यता में बदलाव- राठौड़ ने बताया कि कैबिनेट ने राज्य बीमा एवं भविष्य निधि सेवा नियम-1959 में संशोधन करते हुए संयुक्त निदेशक से अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति के लिए राज्य सेवा अवधि 20 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने के निर्णय को मंजूरी दी है। इस संशोधन के बाद इस विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति के लिए संयुक्त निदेशक के पद पर 3 वर्ष का अनुभव एवं 18 वर्ष की राज्य सेवा अवधि आवश्यक होगी।
डा. कलाम के निधन पर कैबिनेट ने शोक जताया- बैठक में पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया। कैबिनेट के सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर डा. कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा दिवंगत की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इसके बाद कैबिनेट की बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।