मुंबई। महाराष्ट्र के प्रभावशाली मराठा समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में इस वक्त निकल रहे ‘मराठा मूक मोर्चा’ में समुदाय के लाखों लोग हिस्सा ले रहे हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पिछले कुछ समय से निकल रहे मराठा मूक मोर्चो की श्रृंखला में यह अंतिम मोर्चा निकल रहा है।
आधिकारिक मूक मोर्चा भायखला से शुरू हुआ है। इसका समापन आजाद मैदान पर होगा। इन दोनों जगहों की दूरी करीब छह किमी है। लाखों लोग खामोशी से और शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकाल रहे हैं। लेकिन, इस शांतिपूर्ण जुलूस ने सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान को बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।
दक्षिण मुंबई में निकल रही इस रैली में अधिकांश लोग पैदल चल रहे हैं, लेकिन कुछ साइकिल पर और कुछ लोग घोड़ों पर भी सवार हैं। कुछ लोगों ने महाराष्ट्र के लोगों के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह की पोशाक पहन रखी है।
कई राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने भी जुलूस में भाग लिया और जुलूस में भाग लेने वालों से संवाद किया।
मराठा क्रांति मोर्चा ने 9 अगस्त 2016 को 57 शहरों से इस जुलूस को निकालने के बाद बुधवार को राज्य की राजधानी मुंबई में प्रवेश किया। इस साल भर लंबे चले अभियान में बुधवार शाम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आरक्षण के लिए एक ज्ञापन देकर इसका समापन किया जाएगा।
राज्य सरकार, पुलिस, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी)और दूसरी एजेंसियां बीते 24 घंटे से मुस्तैद थीं क्योंकि शहर में सोमवार से ही राज्य के कई हिस्सों से प्रतिभागियों का पहुंचना शुरू हो गया था।
शहर के कई हिस्सों में मराठा जनसमुद्र दिखा। इन्होंने भगवा पगड़ी बांध रखी थी और हाथों में अपने समुदाय के छोटे व बड़े भगवा झंडे ले रखे थे। लेकिन, इनके हाथों में राजनीतिक संदेश वाले कोई बैनर या तख्तियां नहीं थीं।
हालांकि, अधिकारियों ने पांच से आठ लाख मराठा लोगों के पहुंचने का अनुमान जताया था, लेकिन बुधवार दोपहर बाद तक जुलूस में शामिल लोगों की संख्या के बारे में कोई ठोस अनुमान नहीं मिल सका है। आयोजकों का मानना है कि यह जुलूस अब तक सबसे बड़ा जुलूस है।