मुंबई। चैत्रय तमहाने की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मराठी फिल्म ‘कोर्ट’ का चयन अगले साल के ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया है और इसने इस दौड़ में ‘पीके’, ‘हैदर’ और ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी फिल्मों को पछाड़ दिया। ‘कोर्ट’ भारतीय न्याय प्रणाली का मर्मस्पर्शी चित्रण है।
फिल्म फेडरेन ऑफ इंडिया के महासचिव सुप्रा सेन ने बताया कि कोर्ट का चयन ऑस्कर में आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में किया गया है। इस साल इसके लिए 30 फिल्में दौड़ में थीं। उन्होंने कहा
कि ‘पीके, ‘मसान’, ‘किला’, ‘हैदर’, ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘बाहुबली’ जैसी फिल्में इस दौड़ में शामिल थी। लेकिन ‘कोर्ट’ जूरी की सर्वसम्मत पसंद बनी।
यह तमहाने की पहली फिल्म है। उनकी स्वतंत्र, कम बजट की लेकिन विषय पर मजबूत पकड़ रखने वाली कहानी ने आलोचकों से खूब वाहवाही बटोरी है, जिन्होंने इसे हाल के समय में दे में बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में एक बताया है।
तमहाने इस बात को लेकर खुश हैं कि प्रख्यात अभिनेता फिल्मनिर्माता अमोल पालेकर की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय जूरी ने उनके निर्देशन वाली फिल्म को चुना। तमहाने ने कहा कि फिल्म की यात्रा के हर पड़ाव पर हमने महसूस किया कि इसने हमारी कल्पना से कहीं अधिक हमें दिया। एक बार फिर यह विवेक गोम्बर, निर्माता अभिनेता और मेरे लिए एक असली आश्चर्य है।
उन्होंने कहा कि जब हमने फिल्म बनाना शुरू किया तो हमने अपनी उम्मीदें कम रखी थी। खास तौर पर इस मामले में, चूंकि ये नतीजे इतने अप्रत्याशित होने वाले थे। अब यह सचमुच में हो गया, हम उनके फैसले के लिए जूरी का और अब तक फिल्म का समर्थन करने वाले हर किसी का शुक्रिया करना चाहेंगे।
फिल्म की अदाकारा गीतांजलि कुलर्की ने इस चयन को एक बड़ा सम्मान बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक असाधार और अविश्वसनीय उपलब्धि है। हम इसे चाहते थे इसलिए हम बहुत खुश हैं।
यह नए लोगों की एक टीम थी और निर्देक एवं निर्माता ने भी इसके साथ अपने करियर की शुरूआत की थी।
गीतांजलि ने बताया कि अच्छा महसूस हो रहा है कि हमारी फिल्म को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबने सराहा। यह भी एक अच्छा संकेत है कि ऑस्कर के लिए किसी फिल्म का चयन करने में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म पर विचार किया गया।
पिछले साल वेनिस फिल्मोत्सव में 17 अंतरराष्ट्रीय सम्मान पाने के अलावा ‘कोर्ट’ को इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिये भी नामित किया गया था।
यह फिल्म एक उम्रदराज लोक गायक की कहानी बयां करती है, जिस पर अदालत में आत्महत्या के लिए उकसाने की कोशिश करने को लेकर मुकदमा चलाया जाता है। यह फिल्म लोक गायक जितेन मरांडी के जीवन पर आधारित है। भारत ने ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म श्रेणी में कभी ऑस्कर नहीं जीता है।