कानपुर। ट्रेनिंग के दौरान शहीद हुए जवान का पार्थिव शरीर रविवार को उसके घर पहुंचा। जहां पर सेना के जवानों गार्डआफ आनर दिया और परिजनों व शहरवासियों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी। हालांकि प्रशासन की तरफ से किसी जिम्मेदार अधिकारी को न देख परिजनों ने दुःख भी जताया।
नौबस्ता थाना क्षेत्र के हंसपुरम् निवासी सुरेश तिवारी का मंझला बेटा सूरज तीन माह पहले सेना में भर्ती हुआ था। महाराष्ट्र के अहमदनगर में ट्रेनिंग के बाद फैजाबाद में ट्रेनिंग कर रहा था। इसी दौरान शुक्रवार को नहर के पानी में अभ्यास कराए जाने पर सूरज की डूबकर मौत हो गई।
सेना के जवान शहीद का पार्थिव शरीर तिरंगा में लपेटकर रविवार को उसके घर लाए, शहीद के शव को देख परिजनों में कोहराम मच गया और मां बेहोश हो गई। एक घंटे तक लोगों के दर्शन के बाद सेना के जवानों ने गार्डआफ ऑनर दिया और लोगों ने नम आंखों से शहीद को ड्योढ़ी घाट में अंतिम विदाई दी।
इस दौरान शहरवासियों का हुजूम शहीद के घर पर लगा रहा। पिता ने बताया कि सूरज 13 अकोरा टाइगर रेजिमेंट में तैनात था और एक अक्टूबर से फैजाबाद में ट्रेनिंग कर रहा था। बताया कि छोटा बेटा आकाश भी फौज में है और वह भोपाल में ट्रेनिंग कर रहा है।
जिला प्रशासन पर नाखुशी
जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी शहीद को अंतिम विदाई देने नहीं पहुंचा जिसको लेकर शहरवासियों व परिजनों में गुस्सा साफ देखा गया। मोहल्ले के रमाशंकर कटियार ने कहा कि जिला प्रशासन की संवेदनहीनता को कभी माफ नहीं किया जाएगा। क्षेत्रीय पार्षद मनोज गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन से मांग की जाएगी कि शहीद जवान सूरज के नाम से क्षेत्र में एक स्मारक बनाये।