चंडीगढ़। जम्मू-कश्मीर सीमा पर तैनात शहीद जवान गुरसेवक सिंह का सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद जवान की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने शामिल होकर अपने लाल को विदाई दी।
सोमवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के केजी सेक्टर में शहीद हुए जवान गुरूसेवक सिंह का पार्थिव शरीर पंजाब के तरनतारन जिले में स्थित रवाणा में लाया गया।
शहीद के परिजनों के साथ ही हजारों की संख्या में उपस्थित नागरिकों ने नम आंखों से अपने लाडले गुरूसेवक को श्रद्धांजलि दी।
शहीद गुरूसेवक की तीन माह बाद शादी होनी थी। लेकिन सीमा पर देश के लिए गुरूसेवक ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी। ऐसे वीर जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी मंगेतर भी पहुंची थी।
परिजनों को शहीद का अंतिम दर्शन कराने के बाद उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
22 सिख रेजीमेंट में तैनात शहीद जवान गुरूसेवक सिंह का तीन माह बाद विवाह होने वाला था। जैसे ही शहीद का शव उनके आवास पर पहुंचा। वहां पर मातम छा गया। शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
शहीद की मां बलजीत कौर के अनुसार तीन माह बाद शहीद गुरसेवक की शादी थी। हाल ही में उसकी सगाई हुई थी। छुट्टी से ड्यूटी पर वापस लौटते वक्त उसने कहा था कि मां जल्द ही वापस आकर घर का पेंट भी कराउंगा और शादी के कपड़े भी खरीदूंगा।