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martyred soldier Prem singh Saran with state honours in barmer
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जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए थार के लाल प्रेमसिंह सारण को अंतिम विदाई

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जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए थार के लाल प्रेमसिंह सारण को अंतिम विदाई
martyred soldier Prem singh Saran with state honours in barmer
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बाड़मेर। जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थार के सपूत प्रेमसिंह सारण का गुरुवार को सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया।

इस दौरान हर किसी की आंखे नम दिखी। शहीद सारण की पार्थिव देह जम्मू से विशेष विमान से दिल्ली होते हुए लखनऊ और बाद में लखनऊ से विशेष विमान से उत्तर लाई गई।

उत्तरलाई से विशेष वाहन में रतेऊ सड़क पर स्थित गांव शहर लाया गया। यहां इनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

इस दौरान बाड़मेर जिला कलेक्टर सुधीर कुमार और बाड़मेर एसपी डॉ गगनदीप सिंगला, कई उच्च सैन्य अधिकारी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, बायतु विधायक कैलाश चौधरी समेत कई राजनेता भी मौजूद थे।

भारत पाक सीमा से लगे बाड़मेर जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर बायतु क्षेत्र के रेतीले टीलों के बीच स्थित है शहर गांव में गुरुवार को जैसे ही शहीद की पार्थिव देह पहुंची पूरा गांव फफक पड़ा। बुधवार को उनके शहीद होने की सूचना के बाद पूरा गांव स्तब्ध था।

शहीद के पिता कुम्भाराम और मां पेम्पो देवी अपने लाल का तिरंगे में लिपटा शव देखकर फफक पड़े। अपने लाल को इस रूप में देखकर मां पर मूर्छा छा गई।

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रेमसिंह ने प्रारम्भिक शिक्षा ढाणी से तीन किमी दूर पैदल चलकर शहर स्कूल में की थी। मैट्रिक स्तर की शिक्षा गांव से आठ किमी दूर रतेऊ गांव में पैदल जाकर की।

इसी तरह सीनियर स्तर की पढ़ाई सवाऊ पदमसिंह जाकर की। इसके बाद उनका जुनुन देश सेवा के प्रति हो गया।

वर्ष 2011 में जैसलमेर में आयोजित भर्ती रैली में प्रेम सिंह आर्मी की 54 आरआर रेजिमेंट में भर्ती हुए। शहीद का एक भाई भी आर्मी में है और इनके परिवार से चार युवा सेना में है।