सबगुरु न्यूज-सिरोही। सेन्ट जोसफ केथोलिक गिरजाघर में शुक्रवार को दुःख भोग स्मरण सप्ताह के तहत गुड फ्राईडे पर फादर जोजो व फादर अनिल के सान्निध्य में क्रूस यात्रा निकाली गई। अनादरा के मुख्य चैराहा से मसीही समाज ने 14 स्थान पर क्रूस यात्रा निकाली। फादर के अनुयाइयों ने घुटने टेककर आराधना करने के बाद यात्रा शुरू की जो गिरजाघर के मुख्य द्वार पर समाप्त हुई।
चर्च प्रवक्ता रंजी स्मिथ ने बताया कि क्रूस यात्रा के बाद गिरजाघर में फादर अनिल ने बाइबल के सुसमाचार का प्रवचन देते हुए कहा कि मनुष्य के मुंह से निकली हुूई वाणी से यदि किसी व्यक्ति के हृदय को ठेस पहुंचती है तो वह भी पाप की श्रेणी में आता है। इसलिए मनुष्य को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक जीवन में ईश्वर के वरदान के लिए मनुष्य में ईश्वर के प्रति आस्था होना आवश्यक है। ये तभी सम्भव है जब मनुष्य अपने परिवार के साथ साथ प्रार्थना आराधना के साथ-साथ में दूसरे मनुष्य के प्रति हृदय में दया, प्रेम और भाईचारे की भावना रखे। मनुष्य को वर्तमान में अपने परिवार में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक संस्कार देने को भी प्राथमिकता देनी चाहिए, इससे खुद के साथ-साथ राज्य एवम् देश का भी विकास होता है।
उन्होंने कहा कि दुख भोग स्मरण समारोह गुड-फ्राईडे हमारे लिए तभी सार्थक होगा तब हम मनुष्य दूसरों के प्रति दयालु की भावना अपने हृदय में उत्पन्न करें। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हम पापियों कंे लिए अपना जीवन क्रूस पर न्योछावर कर दिया। फादर के सुसमाचार के पश्चात् गिरजाघर में फादर जोजो के अनुयायी ने बाइबल के सारांश को पढ़कर सुनाया। बाइबल के पहला पाठ जिनजिल, दूसरा पाठ आन्जिलीना एवम् बाईबल के सारांश को सागर, सिजो अन्य ने पढ़ा। बाइबल के सुसमाचार के पश्चात् फादर जोजो ने विश्व शान्ति, बीमारों, असहायों तथा धर्मपुरोहितों के लिए सामुहिक प्रार्थना की।
दुःख भोग स्मरण सप्ताह के तहत गुड-फ्राईडे के साथ आराधना व प्रार्थना में ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा बाइबल का वाचन किया। प्रार्थना व आराधना कार्यक्रम में फादर जोजो ने बाइबल का प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य को अपने हृदय में ईश्वर के प्रति आस्था रखनी चाहिए। ईश्वरीय प्राप्ति तब होगी तब मनुष्य में दुसरे मनुष्य के प्रति दया, प्रेम, अंहिसा व भाईचारे की भावना प्रबल होगी। ईश्वर को प्राप्त करना तभी सम्भव है जब मनुष्य उसकी भक्ति के माध्यम से अन्य लोगों से वैमन्यस्यता की भावना को दूर कर भाईचारे, प्रेम, त्याग और बलिदान की भावना एक दूसरे को बांटे। फादर जोजो ने कहा कि ईश्वरीय भक्ति से कठिन कार्य में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। मनुष्य को अपने जीवन में अन्य असहाय लोगों की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
गायन मंडली ने दुःखभोग स्मरण समारोह सप्ताह के तहत भक्तिगीत आओ दिल में आज दे दो अपना त्याग- मुझको तेरा तुझ में मेरा वास हो…, मेरे जीवन तेरा दान तुझे अर्पण भगवान अपना लो मेरा तन, मेरा मन भगवान ….., आते है हम तेरे द्वार पर भक्ति लिये स्वामी गाते हुए वे गीत जो तुने दिया स्वामी …भक्ति गीत प्रस्तुत किये।