मथुरा। केरल की संत माता अमृतानंदमयी देवी मां ‘अम्मा’ ने यमुना प्रदूषण मुक्ति अभियान में ब्रजवासियों से सहयोग करने का वचन दिया।
अम्मा ने शुक्रवार को वृन्दावन में कहा कि मैं सहयोग करने को तैयार हूं। मठ के विधि प्रकोष्ठ से परामर्श कर इस अभियान में सहभागिता का रास्ता निकालूंगी।
उन्होंने सभी कृष्ण भक्तों से कहा कि आप संकल्प लें कि यमुना में कूड़ा-कचरा नहीं फेंकेंगे। औद्योगिक इकाईयां अपने यहां का रासायनिक कचरा यमुना में डालें। ऐसा करने से नदी को स्वच्छ करना आसान हो जाएगा और वह स्वच्छ बनी रहेगी।
अम्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि यमुना को उसकी पूर्व वैभवशाली स्थिति में लाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि यहां की सभी संस्थाएं, सभी
लोग एकजुट होकर प्रयास करें। क्योंकि यह कार्य किसी के भी अकेले के बस का नहीं है। इस महती विचार को सफल बनाने के लिए सबका जागरूक होना जरूरी है। तभी बदलाव हो सकता है, अन्यथा कोई प्रयास सफल नहीं होगा।
उन्होंने उदाहरण दिया कि जिस प्रकार मधुमेह रोगी को दवा के साथ-साथ तमाम परहेज भी करने होते हैं उसी प्रकार यमुना प्रदूषण से बचाव के लिए ऐसे उपाय भी करने होंगे कि जिससे एक बार सफाई के बाद वह पुन: गंदी न हो।
अम्मा ने यमुना के अलावा गंगा में भी तेजी से प्रदूषण की स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि अब तो गंगा में भी शुद्घ जल की मात्रा बहुत कम रह गई है।
उन्होंने अपने मठ द्वारा देश के 101 गावों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही योजना ‘अमृतसर्व’ के तहत मथुरा जनपद के राल गांव को भी शामिल किया।
उन्होंने कहा कि इस योजना में अब राल गांव को भी अन्य 100 गांवों के समान स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और साफ-सफाई, खेती-बाड़ी, आवास, आय के साधन एवं स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे।