नई दिल्ली/कोल्लम। आध्यात्मिक गुरू माता अमृतानंदमयी ने वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की और आधुनिक दासता तथा मानव तस्करी को समाप्त करने की ऎतिहासिक पहल के लिए विश्व के धर्म एवं अध्यात्मिक गुरूओं के साथ मिलकर 2020 तक इस वैश्विक बुराई को खत्म करने के प्रति बचनबद्धता जताई।
यह पहला मौका है जब ईसाई (कैथोलिक, एंगलिकन एवं आथोर्डाक्स) के अलावा बौद्ध, हिन्दू, यहूदी एवं मुस्लिम धर्म के गुरूओं ने एक स्वर में विश्व के सभी हिस्सों से दासता जैसी जघन्य प्रथा को समाप्त करने के लिए संयुक्त रूप से संकल्प लिया।
इस ऎतिहासिक धार्मिक एवं आध्यात्मिक समागम के दौरान माता अमृतानंदमयी अगली पंक्ति में पोप के बगल में बैठी थीं। उन्होंने मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृति और मानव अंगों की तस्करी जैसी आधुनिक मानव दासता के सभी रूपों को समाप्त करने के संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया।
इस घोषणापत्र में इस बात का समर्थन किया गया है कि सभी मनुष्यों को बराबर मानने तथा सभी को एक समान आजादी एवं सम्मान दिए जाने के मूलभूत सिद्धांत को नहीं मानने वाले हर तरह के संबंध एक अपराध है।
भारत में “अम्मा” के नाम से तथा दुनिया भर में “गले लगाने वाली” संत के रूप में प्रसिद्ध माता अमृतानंदमयी तथा अन्य धार्मिक नेताओं ने म ंगलवार को रोम में एकत्रित होकर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह समागम अंतरराष्ट्रीय दासता उन्मूलन दिवस के मौके पर आयोजित हुआ। इस घोषणापत्र में 2020 तक आधुनिक दासता के उन्मूलन के प्रति संकल्प जताया गया है।
माता अमृतानंदमयी ने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से पूर्व कहा कि महामहिम पोप फ्रांसिस ने ग्लोबल फ्रीडम नेटवर्क के तत्वाधान में सबको यहां एकत्रित किया और इसके लिए हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और उनके आभारी हैं। मुझे उम्मीद है कि दुनिया के सभी धार्मिक गुरू यहां एकत्रित होकर मानव दासता एवं मानव तस्करी के संत्रास को समाप्त करने के लिए समाज को आध्यात्मिक एवं व्यवहारिक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करेंगे।
अम्मा ने कहा कि मानव मस्तिष्क ने धर्म, जाति, भाषा और राष्ट्रीय सीमाओं के रूप में कई विभाजनों को बनाया है। उन्होंने अपील की कि हम सभी को मिलकर विशुद्ध प्रेम का एक सम्पूर्ण सेतु तैयार करना चाहिए ताकि इन स्वनिर्मित दीवारों को तोड़ा जा सके। दुनिया भर के धार्मिक नेताओं और गुरूओं को एक मंच पर लाने की पहल ग्लोबल फ्रीडम नेटवर्क (जीएनएफ) की ओर से की गई।
यह नेटवर्क धर्म आधारित वैश्विक नेटवर्क है जिसका उद्देश्य दुनिया भर से हमेशा के लिए आधुनिक दासता और मानव तस्करी को समाप्त करना है। इस नेटवर्क का शुभारंभ इस साल मार्च में वेटिकन में हुआ था।