सबगुरु न्यूज राजसमंद/उदयपुर। उदयपुर संभाग के राजसमंद जिले में बनास अंचल शुद्धि अभियान के अन्तर्गत गायत्री परिवार की षष्टम बनास संरक्षण जल स्वावलम्बन यात्रा ‘उद्गम से संगम तक’ 20 से 28 अगस्त तक होगी। इस यात्रा के साथ बनास की 8 प्रमुख सहायक एवं 7 उपनदियों की सेवा यात्रा जोड़ी गई है।
मुख्य यात्रा 20 अगस्त को वेरों के मठ से प्रारम्भ होकर नाथद्वारा विश्राम करेगी। इसके बाद 21 को मातृकुण्डिया, 22 को त्रिवेणी संगम भीलवाड़ा, 23 को बोयड़ा गणेश देवली टोंक, 24 को टोंक, 25 को अरणेश्वर महादेव भगवतगढ़, 26 को डूंगरी एवं 27 को रामेश्वर घाट संगम पर पहुंचेगी। समापन समारोह 28 अगस्त संगम घाट अभिषेक पूजन आरती यज्ञ से होगा।
गायत्री परिवार के प्रान्तीय संयोजक घनश्याम पालीवाल ने बताया कि राजस्थान के ग्यारह जिला क्षेत्र में ये जनजागरण यात्रा की जायगी। खारी, कोठारी, गोमती, चन्द्रभागा, बेड़च, गम्भीरी मेनाली, मानसी, बाण्डी डाई, डील, ढूंढ, द्रव्यवती, मोरेल, काली सिन्ध आदि नदियों की उपयात्राएं की जाएंगी। इन यात्राओं में एक लाख पौधे लगाए व वितरण किए जाएंगे।
मनरेगा से होंगे जलग्रहण क्षेत्र में कार्य
पालीवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने गायत्री परिवार के प्रयासों से संज्ञान लेकर नदी किनारे के कार्यों के प्रस्ताव मनरेगा की जिला योजना में सम्मिलित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। नदियों के तटवर्ती गांवों के मुक्तिधामों, छोटे-मोटे देवस्थानों के सौन्दर्यीकरण, डेल्टा एवं बेसिन पर सघन वृक्षारोपण, नदी एवं देवी देवता के नाम की वाटिका वनी लगाने, जलग्रहण क्षेत्र के अवरोध हटाने तथा नदी सफाई के कार्य मनरेगा से कराने के लिए ग्रामवार प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाएंगे।
गोमती नदी की होगी प्रदक्षिणा
अभियान कार्यालय सचिव भंवर लाल पालीवाल ने बताया कि बनास माता की मुख्य यात्रा के पूर्व 13-14 अगस्त को गोमती नदी की प्रदक्षिणा राजसमंद के द्वारकाधीश मन्दिर से सरोवर पूजन के साथ शुरू होगी। यह प्रदक्षिणा रथ यात्रा पहले दिन कांकरोली, राजनगर, सेवाली, भगवान्दा, पसून्द, केलवा, बामन टूंकड़ा, पड़ासली, धानीन, गौमती, जनावद चारभुजा, दर्शन पूजन नदी सरोवर तीर्थों के अभिषेक करती हुई शाम को रामदरबार में दीपदान करेगी।
दूसरे दिन तर्पण, मार्जन, यज्ञ कर साथिया, खरनोटा, मेरड़ा, सियाणा, जोड़िलिया, जेतपुरा, धांयला, खटामला, पर्वतखेड़ी, तासोल, मण्डावर, भाणा होती हुई द्वारकाधीश जल गरिया घाट पर दीपदान महा आरती के साथ सम्पन्न होगी।
इसी प्रकार 16 अगस्त को खारी नदी यात्रा बरजाल से प्रारम्भ होकर लसानी होती हुई भीलवाड़ा जिले में जाएगी। इसके बाद 17 को कोठारी नदी यात्रा दिवेर से प्रारम्भ होकर भीलवाड़ा जिले में जाएगी। 18 को चन्द्रभागा नदी यात्रा देवड़ों का गुढ़ा महादेव से प्रारम्भ होकर पोटला भीलवाड़ा जाएगी।