भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य शासन ने महिला कर्मियों के संबंध में निर्देश जारी करते हुए कहा है कि प्रसूति अवकाश केवल दो बार ही मिलेगा, जिसमें उन्हें मानदेय दिया जाएगा। इससे अधिक बार अवकाश लेने पर वेतन काटा जाएगा।
दरअसल, समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य शासन द्वारा प्रसूति सहायता एवं चिकित्सा सहायता के अन्तर्गत सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है।
विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत जैसे – मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री शहरी घरेलू कामकाजी महिला कल्याण योजना, मुख्यमंत्री हाथठेला एवं सायकल रिक्शा चालक योजना, मुख्यमंत्री शहरी गरीबों के लिए कल्याण योजना, भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अन्तर्गत पंजीकृत मुख्यमंत्री मंडी हम्माल एवं तुलावटी सहायता योजना और केशशिल्पी कल्याण योजना में पंजीकृत हितग्राही को प्रसूति अवकाश सहायता में मातृत्व अवकाश 45 दिन और पितृत्व अवकाश 15 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि प्रदान की जाती है।
प्रसूति अवकाश सहायता केवल दो प्रसूतियों तक ही देय होगी। प्रसूति अवकाश सहायता अन्तर्गत मजदूरी के समतुल्य राशि पाने की पात्रता केवल श्रमिक संवर्ग के हितग्राहियों को ही होगी।
यदि श्रमिक संवर्ग में पति-पत्नी दोनों पंजीकृत हैं, तो निर्धारित प्रावधान अनुसार दोनों को निर्धारित राशि पाने की पात्रता होगी। पति-पत्नी में से जो भी श्रमिक संवर्ग में पंजीकृत है, केवल उसी को निर्धारित प्रावधान अनुसार मजदूरी के समतुल्य राशि पाने की पात्रता होगी।
प्रसूति अवकाश सहायता की दर प्रतिवर्ष श्रम विभाग द्वारा घोषित की जाएगी, जो कि प्रतिवर्ष के प्रारम्भ अर्थात एक अप्रैल से प्रभावशील होगी। मजदूरी के समतुल्य राशि की निर्धारित दर जिला कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त की जायेगी।