मथुरा। जिले के बरसाना के रंगीली गली में सोमवार विश्व प्रसिद्ध लठमार होली खेली गई। चारों ओर रंग, अबीर गुलाल का इन्द्रधनुष आकाश में चमक रहा था। श्रीराधारानी की नगरी प्रेम की होली में सराबोर दिखाई दे रही है। जिले के पुलिस और प्रशासन के लोग चप्पे-चप्पे पर निगाहें रखे हुए थे।
अबीर-गुलाल की इन्द्र धनुषी छटाओं के बीच विश्व प्रसिद्ध बरसाना की अनूठी लठामार होली को देखने के लिए देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब यहां उमड़ पड़ा। बरसाने की प्रसिद्ध लठामार होली में रंग, गुलाल और अबीर के इन्द्रधनुषी बादल छाये रहे।
सोमवार सुबह से ही इस होली को लेकर जहां बरसाने की सखियों में भारी उत्साह थी, वहीं नंदगांव के हुरिहार भी रविवार को आमंत्रण न्यौता मिलने के बाद सोमवार दोपहर बाद बरसाना पंहुच गये। पीली पोखर और प्रियाकुण्ड पर स्नान-ध्यान और भांग ठण्डाई के उपरांत आंखों में कजरा, माथे पर चंदन और पगड़ियों की पहनावट के बाद एक-दूसरे को सजाते नंदगांव के हुरिहार मौजूद थे।
लठामार का शुमार सोमवार साढ़े पांच बजे हुरिहारिन रंग-बिरंगे परिधानों में सजकर लंबी-लंबी लाठियां लिये नंदगांव से सिर पर ढाल बांधे आये हुरिहारों पर होली की लाठियां बरसाना प्रारंभ कर दिया। उधर चारों ओर रंग, अबीर, गुलाल का इन्द्रधनुष आकाश में चमक रहा था।
राधारानी की नगरी प्रेम की होली में सराबोर थी। पूरा बरसाना नगर राधारानी के जय-जयकारों से गुंजायमान हो उठा। बरसाने के इस अदभुत और मनोहारी दृश्य को देख श्रद्धालुओं ने श्रीराधाकृष्ण के शास्वत प्रेम को साकार होते देखा। सोमवार सुबह से ही बरसाना ही हर गली देश-विदेश से बड़ी तादाद में आए श्रद्धालुओं से खचा-खच भरी नजर आ रही थी।
कान्हा बरसाने में आ जाइयो बुला गई राधा प्यारी के साथ-साथ मैरो खो गयौ बाजू बंद रसिया होरी में आदि भक्ति गीत एवं लोकगीतों का गुणगान करते तथा रंग-गुलाल की वर्षा करते हुए नाचते थिरकते भाव विभोर होते आगे बढ़ रहे थे। हर जगह इन्द्रधनुषी छटा के मध्य राधारानी की जय-जयकार से माहौल होलीमय नजर आ रहा था और एक दूसरे के ऊपर रंग गुलाल डालकर रंगों से तरबतर कर रहे थे।
बरसानावासियों ने नंदगांव के हुरियारों को भांग ठंडाई पान आदि से जलपान कराया और इसके बाद सभी हुरियारों ने पीली पोखर में स्नान कर होली के रस भरे रसिया ‘फाग खेलन बरसाने आये है नटवर नंदकिशोर’ आदि के साथ लाडलीजी के मंदिर पहुंचे जहां बरसानावासियों एवं श्रद्धालुओं ने टेसू के रंग तथा गुलाल से इन्हें तरबतर कर दिया।
लठामार होली से पूर्व लाडली मंदिर से हास-परिहास के बाद नंदगांव के हुरियारे इठलाते, बलखाते, कूदते, छलांग लगाते हुए रंगीली गली पहुंचे जहां सैकड़ों की संख्या में रंग बिरंगे लहगें ओढ़नी में सजी धजी खड़ी बरसाना की हुरियारिनों ने उन्हें घेर लिया और प्रेम भरी लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। जिनसे बचने के लिए के हुरियारे ढाल के सहारे बचाव करते रहे।
लाखों श्रद्धालु इस होली को देख दांतों तले उंगुली दबा रहे थे तो वहीं गोप-गोपिकाओं पर जमकर अबीर गुलाल बरसाते नजर आए। जिसे देख हर कोई ‘जो रंग बरस रहौ बरसाने में, वो तीन लोक में नाय’ के गीत संगीत पर जमकर थिरकते रहे।