मुंबई। भारतीय सिनेमा जगत की पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिशचंद्र’ का निर्माण दादा साहब फाल्के मूल नाम धुंडिराज गोविन्द फाल्के ने फाल्के फिल्म कंपनी के बैनर तले किया था।
फिल्म बनाने में उनकी मदद फोटोग्राफी उपकरण के डीलर यशवंत नाडकर्णी ने की थी। फिल्म में राजा हरिशचंद्र का किरदार दत्तात्रेय दामोदर दबके पुत्र रोहितश्व का किरदार दादा फाल्के के पुत्र भालचंद्र फाल्के जबकि रानी तारामती का किरदार रेस्टोरेंट में बावर्ची के रूप में काम करने वाले व्यक्ति अन्ना सालुंके ने निभाया था।
फिल्म के निर्माण के दौरान दादा फाल्के की पत्नी ने उनकी काफी सहायता की।इस दौरान वह फिल्म में काम करने वाले लगभग 500 लोगों के लिए खुद खाना बनाती थी और उनके कपड़े धोती थी। फिल्म के निर्माण में लगभग 15000 रूपए लगे जो उन दिनों काफी बड़ी रकम हुआ करती थी।
फिल्म का प्रीमियर ओलंपिया थियेटर में 21 अप्रेल 1913 को हुआ जबकि यह फिल्म तीन मई 1913 में मुंबई के कोरनेशन सिनेमा में प्रदर्शित की गई। लगभग 40 मिनट की यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।