लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा है कि यदि वह वास्तव में मुझे बुआ मानते हैं तो मेरे सम्मान में दयाशंकर को गिरफ्तार कर उचित कार्रवाई कराएं।
उन्होंने मुख्यमंत्री को चेतावनी भी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो बसपा की सरकार बनते ही दयाशंकर समेत तमाम घटनाओं की समयबद्ध जांच फिर से कराई जाएगी।
राजधानी लखनऊ में एक पत्रकार वार्ता के दौरान मायावती ने उप्र की सत्तारूढ़ सपा और भाजपा में आपसी साठगांठ का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने एक साजिश के तहत दयाशंकर द्वारा मेरे खिलाफ घिनौनी भाषा का प्रयोग करवाया। बसपा सुप्रिमो ने कहा कि सपा भी इस साजिश में शामिल है। इसीलिए एफआईआर होने के बावजूद दयाशंकर की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है।
मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सार्वजनिक तौर पर मुझे बुआ कहते हैं। ऐसे में उन्हें चाहिए कि बुआ के सम्मान में दयाशंकर को गिरफ्तार कर उचित कार्रवाई कराएं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उप्र विधानसभा चुनाव के कारण भाजपा दलित वोट बैंक को हासिल करने के लिए एक षड्यंत्र कर रही है। मायावती ने कहा कि दयाशंकर सिंह की मां ने जो तहरीर दी है, उसमें संसद में मेरे बयान का उल्लेख है।
संविधान की धारा 105 में सांसदों को संसद में अपनी बात रखने का अधिकार है। वहां कही गई किसी बात पर किसी भी अदालत में उल्लेख नहीं हो सकता। इसके बावजूद हजरतगंज थाने में उसी चीज को लेकर एफआईआर दर्ज की गई जो संसद की अवमानना है।
बीएसपी कार्यकर्ताओं ने जो नारा लगाया, उसका बीजेपी ने गलत मतलब निकाला। यह उनकी दूषित मानिसकता का परिचय है। जो कुछ किया जा रहा है वो दयाशंकर सिंह को बचाने के मकसद से किया जा रहा है।
मायावती ने कहा कि दयाशंकर मामले मे बसपा अब प्रदर्शन कर अपना समय खराब नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बसपा अब 21 अगस्त को आगरा में और 28 अगस्त को आजमगढ़ में महारैली कर सपा और भाजपा की साजिश का पर्दाफाश करेगी।