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विकेटकीपरों की सुरक्षा को लेकर नियमों में बदलाव - Sabguru News
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विकेटकीपरों की सुरक्षा को लेकर नियमों में बदलाव

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विकेटकीपरों की सुरक्षा को लेकर नियमों में बदलाव
MCC amends laws to protect wicketkeepers from flying bails
MCC amends laws to protect wicketkeepers from flying bails
MCC amends laws to protect wicketkeepers from flying bails

लंदन। क्रिकेट नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने विकेट के पीछे हर क्षण गेंद के निशाने पर रहने वाले विकेटकीपरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव किया है।

एमसीसी ने नियमों में बदलाव करते हुए गिल्लियों को विकेट से महीन धागे से जोड़े रहने को स्वीकार किया है ताकि विकेट टूटने की स्थिति में विकेटकीपरों को हर प्रकार की दुर्घटना से बचाया जा सके।

विकेट के ऊपर रखी गिल्लियों के उछलकर लगने से विकेटकीपरों की चोट लगने की घटनाएं कभी कभी ही देखने को मिलती है लेकिन चोट लगने की संभावना हमेशा बनी रहती है।

एमसीसी ने नियम 8.3 में परिवर्तन किया है और दक्षिण अफ्रीका तथा इंग्लैंड की दो कंपनियों से संपर्क किया है जो ऐसे विकेट बनाएं जिसमें गिल्लियां विकेट से धागे नुमा चीज से जुड़ी रहे।

एमसीसी के कानून मैनेजर फ्रेसर स्टीवर्ट ने कहा कि इस कदम से विकेटकीपरों की आंख में लगने वाली चोटों को बचाया जा सकेगा। इस दिशा में काम तेजी से चल रहा है। हमें उम्मीद है कि क्रिकेटकी वैश्विक इकाई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से भी इसे जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज विकेटकीपर मार्क बाऊचर को गिल्लियों के लगने से बांयीं आंख में चोट लग गई थी। बाऊचर की चोट गंभीर थी और इसके चलते उन्हें अपने क्रिकेट करियर को विराम देना पड़ा।

बाऊचर ने पिछले वर्ष दिये गये एक साक्षात्कार में कहा भी था, मैंने इस मैच में हेलमेट नहीं पहना था लेकिन यदि मैं हेलमेट पहनता तो भी शायद दुर्घटना को नहीं टाल सकता था।

हेलमेट गेंदों के हिसाब से बनाए जाते हैं न कि गिल्लियों के हिसाब से। मुझे लगता है कि गिल्लियों को महीन धागे से विकेटों से बंधा रहना चाहिए ताकि उनके उछलने की स्थिति में चोट से बचा जा सके।

दो दशक पहले इंग्लैंड के विकेटकीपर पाल डाउंटन का भी करियर गिल्लियों से चोट लगने के चलते समाप्त हो गया था। भारतीय दिग्गज विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धोनी को भी विकेट के पीछे क्षेत्ररक्षण करते हुए कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।