नई दिल्ली। दिल्ली के तीन नगर निगमों के लिए रविवार को मतदान कई जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी के बीच शांतिपूर्वक संपन्न हो गया।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की विश्वसनीयता, भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता और कांग्रेस के अस्तित्व का प्रश्न बन चुके इस निकाय चुनाव में हालांकि मत प्रतिशत खास नहीं रहा।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 5.30 बजे तक मतदान योग्य 1.32 करोड़ मतदाताओं में से 54 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
स्थानीय निवासियों ने कई इलाकों में कम मतदान होने की सूचना दी है, हालांकि कई अन्य जगहों पर मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गईं।
मतदान शांतिपूर्ण रहा, लेकिन मतदाताओं और राजनीतिक दलों ने कई जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही है।
दिल्ली में रविवार को तीनों निगमों के 272 वार्डो के लिए मतदान संपन्न हुआ। नगर निगम में पिछले 10 सालों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता पर काबिज रही है।
भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के आधार पर नगर निगम चुनावों में मतदाताओं को रिझाने में लगी थी।
पूर्वी दिल्ली के मौजपुर और उत्तरी दिल्ली के सराय पीपल वार्डो में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के निधन के चलते रविवार को मतदान नहीं करवाया गया।
मतदान के दौरान ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरी दिल्ली से ईवीएम में गड़बड़ी होने की खबरें मिली हैं। उन्होंने ट्वीट कर यह भी कहा कि वोटर स्लिप होने के बावजूद अनेक मतदाताओं को मतदान करने से रोका गया।
हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए अरविंदर सिंह लवली अपने इलाके के मतदान केंद्र पर ईवीएम खराब होने के चलते मतदान नहीं कर सके।
अपराह्न 3.0 बजे तक आप को ईवीएम में गड़बड़ी से संबंधित मतदाताओं के 250 फोन आए। शिकायतकर्ता मतदाताओं में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के भी मतदाता थे।
महाराष्ट्र कांग्रेस के एक नेता शहजाद पूनावाला ने इस बीच ट्वीट किया कि दिल्ली में ईवीएम को एक्सट्रीमली वलनरेबल मशीन्स कहना ठीक होगा।
भाजपा, कांग्रेस और आप के बीच जहां मुख्य मुकाबला माना जा रहा है, वहीं बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, जनता दल युनाइटेड, योगेंद्र यादव की नवगठित पार्टी स्वराज इंडिया चुनावी मैदान में हैं।
निकाय चुनाव में मतदान करने वाले प्रमुख लोगों में दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल, केजरीवाल, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और दिल्ली भाजपा के नेता शामिल रहे।
मतदान करने के बाद केजरीवाल ने कहा कि मेरी दिल्लीवासियों से अपील है कि वे कचरा-मुक्त दिल्ली, डेंगू-चिकनगुनिया मुक्त दिल्ली के लिए वोट करें।
केजरीवाल से जब पूछा गया कि क्या यह चुनाव दिल्ली में उनकी सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल पर जनमत संग्रह की तरह है, तो उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद हम इस पर बात करेंगे।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने राजधानी वासियों से कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हुए विकास कार्यो की दुहाई देकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की और कहा कि उनकी पार्टी जमीनी स्तर पर मजबूत हो रही है।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने राजधानी में साफ-सफाई के खराब हालात के लिए केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी दिल्ली नगर निगम में फिर से काबिज होगी। कुछ मतदाताओं ने मतदान की खराब व्यवस्था की शिकायत भी की।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले चितरंजन पार्क के एक मतदाता अमित बासु ने आईएएनएस से कहा कि कइयों को वोटर स्लिप ही नहीं मिल पाया। इससे अफरा-तफरी का माहौल रहा। मुझे और मेरी पत्नी को भी वोटर स्लिप नहीं मिले।