जयपुर/मुंबई/अहमदाबाद/जम्मू। त्यौहारों के दौरान मांस और गौमांस पर प्रतिबंध लगाने का महाराष्ट्र से शुरू हुआ विवादित सिलसिला गुरुवार को देश के विभिन्न भागों तक फैल गया जब राजस्थान, जम्मू कश्मीर और अहमदाबाद में भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए।
हालांकि मुंबई में इस मुद्दे पर खींचतान बढ़ गई और हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि मांस की बिक्री पर रोक व्यवहारिक नहीं है। राजस्थान सरकार ने 17, 18 और 27 सितंबर को त्यौहारों, जिनमें कुछ जैन समुदाय से संबंध हैं, के मौके पर मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि तमाम नगर निकायों को जारी एक परिपत्र में राज्य सरकार ने मांस विक्रेताओं से कहा है कि वह 17 सितंबर को ‘पर्यूषण’ जैन व्रत, 18 सितंबर को संवतसरी जैन पर्व और 27 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर अपनी दुकानें बंद रखें और मांस एवं मछली की बिक्री न करें। यह आदेश बूचड़खानों पर भी लागू होगा।
जम्मू कश्मीर में हाईकोर्ट ने गौमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया, जिसपर जमात ए इस्लामी और पृथकतावादी हुर्रियत कांफ्रेंस जैसे संगठनों और स्थानीय लोगों ने रोष प्रकट किया।
उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने कहा है कि वह इस फैसले को चुनौती देगा। इसी तरह अहमदाबाद में आयुक्त शिवानंद झा ने जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व की एक सप्ताह की अवधि के दौरान गुरुवार से गायों और बकरियों जैसे पशुओं के वध पर रोक लगाने का आदेश दिया है।