धार। मध्य प्रदेश के धार जिला जेल में 16 दिन से बंद नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर गुरुवार को रिहा हो गई। उन्हें बुधवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ से जमानत मिल गई थी। रिहाई के बाद मौजूद हजारों लोगों ने धार में रैली निकालकर अपनी खुशी का इजहार किया।
नर्मदा बचाओ आंदोलन से संबद्घ और वरिष्ठ अधिवक्ता क्लीसन रोजारियो (बैंगलोर) ने बताया कि उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद बुधवार को आदेश धार जिला जेल तक नहीं पहुंच पाया, जिससे रिहाई नहीं हो सकी थी।
गुरुवार को हाईकोर्ट के जमानत के आदेश को कुक्षी के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) कमलनाथ जयसिंहपुरे के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से मेधा की रिहाई आदेश (रिलीज ऑर्डर) जारी किया गया। उसके बाद जेल से उन्हें रिहा कर दिया गया।
बुधवार को मेधा की ओर से 40 हजार रुपए के निजी मुचलके और सरकारी काम में बाधा न डालने की शर्त पर उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी।
धार जेल के जेलर सतीश उपाध्याय ने बताया कि न्यायाधीश जयसिंहपुर की ओर से रिहाई आदेश आने पर अपरान्ह चार बजे मेधा पाटकर को रिहा कर दिया गया।
रिहाई के बाद मेधा के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया और शहर के विभिन्न हिस्सों से रैली निकाली। इसमें मेधा भी उनके साथ में थी।
सरदार सरोवर बांध की उंचाई बढ़ाए जाने से डूब में आने वाले नर्मदा घाटी के 192 गांव और एक नगर के 40 हजार परिवारों के बेहतर पुनर्वास और उसके बाद विस्थापन की मांग को लेकर उपवास कर रही थी, जहां से उन्हें सात अगस्त को जबरिया पुलिस ने उठाकर इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया था।
नौ अगस्त को अस्पताल से छुटटी मिलने के बाद जब वे बड़वानी जा रही थी, तभी रास्ते में धार जिले के कुक्षी क्षेत्र में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और चार प्रकरण दर्ज किए, जिसमें अपहरण जैसा गंभीर मामला भी था।
बताया गया है कि मेधा पाटकर पर चार मुकदमे दर्ज किए गए थे जिसमें से कुक्षी तथा धार जिला न्यायालय ने तीन मामलों में जमानत दे दी थी किन्तु चौथा प्रकरण धारा 365 (अपहरण) का था, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिली थी, इस मामले में बुधवार को इंदौर हाईकोर्ट के न्यायाधीश वेद प्रकाश शर्मा की पीठ ने जमानत दे दी।