आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज के मीडिया प्रभाग द्वारा शान्तिवन में आयोजित सम्मेलन के समापन सत्र में एक मत से स्वीकार किया गया कि मूल्य आधारित मीडिया सामाजिक बदलाव की कुंजी है।
सम्मेलन को सम्बोधन करते हुए दूरदर्शन के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक एम.पी.लेले ने कहा कि मनुष्य के स्वभाव से चेतना लुप्त होती जा रही है भौतिक वाद का जन जीवन पर हावी होना चिंता का विषय है। मूल्य हीनता समय की सबसे बड़ी चुनौती है आध्यात्मिकता के प्रसार से इसका समाधान किया जा सकता है ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाए बदलाव लाने में सक्षम है यदि मीडिया कर्मी समाज व राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए इस अभियान से जुड़ जाए तो बदलाव का लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
जनचर्चा के सम्पादक आशीष गुप्ता ने सत्र में चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि अच्छाई के रास्ते पर चलने में रुकावटें तो आती हैं, लेकिन हमें दृढ़ता से इन्हें पार करना होगा। पांचजन्य व आर्गेनाइजर पत्रिकाओं के महाप्रबंधक जितेन्द्र मेहता ने कहा कि अच्छे संकल्पों को कर्म क्षेत्र में उतारने की आवश्यकता है। उग्रवाद, हिंसा व रक्त पात की घटनाओं को चैनलों पर अतिरंजित रूप में दिखाना उचित नही। सकारात्मक भावों व नई उर्जा के साथ पत्रकारिता के माध्यम से समाज की सच्ची सेवा की जा सकती है ।
दैनिक जागरण आगरा के सम्पादक अवधेश कुमार ने कहा कि मूल्यों में गिरावट पर सर्वत्र चर्चा होती है। यदि माँ बाप बच्चों को शुरू से ही संस्कारित करें तो इस स्थिति को बदला जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सोशल मीडिया न तो संगठित है और न ही नियंत्रित है फिर भी यह आम आदमी की ताकत बन रहा है।
दूरदर्शन जयपुर के कार्यक्रम निर्माता वीरेन्द्र परिहार ने कहा कि दो दशकों से ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित किये जा रहे मीडिया सम्मेलनों ने पत्रकारिता को नया आयाम दिया है। जरूरत इस बात की है कि मीडिया मूल्य निष्ठ बनते हुए अपने धर्म का पालन करें।