नवसारी। नवसारी-बारडोली मार्ग पर सुपा गांव समीप गत 5 फरवरी की शाम हुई बस दुर्घटना में चारपुल की रोजमीन शेख की उपचार के दौरान यशफीन अस्पताल में मौत हुई थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव देने से पूर्व दवाई के रुपए जमा करवाने परिजनों पर दबाव बनाया था।
मामले में मुख्यमंत्री आनंदीबेन से शिकायत के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग को जांच सोंपी गई थी। लेकिन मृतक के परिजनों के बयान लिए बिना ही यशफीन अस्पताल को क्लीन चीट देने पर रोजमीन के पिता ने सवाल उठाते हुए जिला कलक्टर को बुधवार ज्ञापन सौंपा। वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी की जांच व कार्रवाई पर भी शंका जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
नवसारी-बारोडोली मार्ग पर सुपा गांव समीप गत 5 फरवरी की शाम नवसारी-सोनगढ़ एस.टी. बस पूर्णा नदी के पुल से नीचे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। हादसे में कई लोगों की मौत हुई, जबिक कई घायल हुए थे। घायलों को तत्काल नवसारी के पांच अस्पतालो में भर्ती करवाया गया था। इस बस दुर्घटना में नवसारी के चारपुल क्षेत्र की रोजमीन नासीर शेख को घायलावस्था में नवसारी के यशफीन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जिसकी उपचार के दौरान उसी रात 8:40 बजे के करीब मौत हुई थी। ,
मृतक रोजमीन के शव को पी.एम. हेतू नवसारी सिविल अस्पताल में भेजने से पूर्व अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से प्रथम दवाई के 3350 रुपए जमा करवाने के बाद ही मृतक का शव देने की बात की थी। मामले में परिजनों ने रुपए भर अपनी लाडली के शव को लिया था। लेकिन दूसरे दिन राज्य के मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की रू-ब-रू मुलाकात के दौरान मृतक रोजमीन के परिजनों ने यशफीन अस्पताल के अमानवीय बर्ताव के खिलाफ शिकायत कर न्याय व जांच की मांग की थी।
जिस पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. एन. कन्नर ने जांच शुरु की थी। लेकिन उन्होने मृतक रोजमीन के परिजनों के बयान लेने के बिना ही यशफीन अस्पताल को गत 9 फरवरी को क्लीन चीट देते हुए जिला कलक्टर को रिपोर्ट की थी। उसी दिन यशफीन अस्पताल के संचालकों ने मृतक रोजमीन के चचेरे भाई आकीब शब्बीर शेख से एक कागज पर हस्ताक्षर करवाकर दवाई के 3350 रुपए वापस लौटा दिए थे और बील की रसीद ले ली थी।
मामले में यशफीन को क्लीन चीट देने पर मृतक रोजमीन के पिता नासीर शेख ने सवाल उठाते हुए जिला कलक्टर रैया मोहन को बुधवार ज्ञापन सोंपा है। जिसमें उन्होने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.एन. कन्नर ने अस्पताल संचालकों के प्रभाव में आकर बिना जांच किए यशफीन अस्पताल को क्लीन चीट दी है।
मामले में अधिकारी ने सच्चाई जानने का प्रयास भी नहीं किया और हमारे बयान लिए बिना ही यशफीन को क्लीन चीट देकर आपको रिपोर्ट दी है, जो झुठी है। मामले में मृतक के पिता ने निष्पक्ष जांच करने की मांग कर सत्य बहार लाने की मांग की है।